उत्तराखंड: ऐतिहासिक सोमनाथ मैदान बना गौरवशाली सैन्य परंपरा का गवाह, भारतीय सेना का हिस्सा बने 168 जांबाज

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रानीखेत, अमृत विचार। कुमाऊं रेजिमेंट सेंटर मुख्यालय का ऐतिहासिक सोमनाथ मैदान एक बार फर गौरवशाली सैन्य परंपरा का गवाह बना। छह महीने के कठिन प्रशिक्षण के बाद भारतीय सेना को 168 नए जांबाज और मिल गए हैं। कुमाऊं रेजिमेंट सेंटर मुख्यालय के ऐतिहासिक सोमनाथ मैदान के बहादुरगढ़ द्वार से कदमताल कर आगे बढ़ते जांबाजों ने …

रानीखेत, अमृत विचार। कुमाऊं रेजिमेंट सेंटर मुख्यालय का ऐतिहासिक सोमनाथ मैदान एक बार फर गौरवशाली सैन्य परंपरा का गवाह बना। छह महीने के कठिन प्रशिक्षण के बाद भारतीय सेना को 168 नए जांबाज और मिल गए हैं। कुमाऊं रेजिमेंट सेंटर मुख्यालय के ऐतिहासिक सोमनाथ मैदान के बहादुरगढ़ द्वार से कदमताल कर आगे बढ़ते जांबाजों ने प्रशिक्षण पूरा किया। केआरसी के धर्मगुरु सूबेदार मेजर गिरीश चंद्र जोशी ने शपथ दिलाई। कर्नल (वीएसएम) एसके यादव ने परेड का निरीक्षण कर सलामी ली।

भारतीय सेना के अभिन्न हिस्सा बने 168 जांबाज।

मुख्य अतिथि कर्नल एसके जोशी ने सेना का अंग बने जांबाजों में नया जोश भरते हुए कुमाऊं रेजिमेंट की गौरवशाली सैन्य परंपरा का हौसले, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ दायित्व निर्वहन का संदेश दिया। उन्होंने नवसैनिकों से प्रत्येक मोर्चे पर किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तत्पर रहने का आह्वान किया आह्वान किया।

मुख्य अतिथि कर्नल (वीएसएम) एसके यादव ने जांबाजों को कुमाऊं रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास से रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि साहस, कर्मठता और ईमानदारी ही केआरसी का मूल मंत्र है। उन्होंने कहा कि हमारे जांबाजों के हाथ में देश हमेशा सुरक्षित रहेगा।

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