बुलंदशहर: हजारों की हेराफेरी करने के आरोप में सात ग्राम सचिव निलंबित

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बुलंदशहर। जिलाधिकारी ने गांव के विकास के लिये जारी की गयी राशि के व्यय में हेराफेरी के आरोप में सात ग्राम सचिवों को निलंबित कर दिया। जिलाधिकारी कार्यालय से बुधवार को मिली जानकार के मुताबिक बुलंदशहर में गांवों के विकास के लिए मिले चार लाख 89 हजार रुपये की हेरा फेरी करने के आरोप में …

बुलंदशहर। जिलाधिकारी ने गांव के विकास के लिये जारी की गयी राशि के व्यय में हेराफेरी के आरोप में सात ग्राम सचिवों को निलंबित कर दिया। जिलाधिकारी कार्यालय से बुधवार को मिली जानकार के मुताबिक बुलंदशहर में गांवों के विकास के लिए मिले चार लाख 89 हजार रुपये की हेरा फेरी करने के आरोप में 07 ग्राम सचिवों के विरुद्ध मंगलवार देर शाम को निलंबन आदेश जारी किया गया।

जिले के मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक पांडे ने बताया कि गांव के विकास के लिए मिलने वाली धनराशि को एसजी इंटरप्राइजेज नामक कंपनी के द्वारा गड़बड़ी करने की शिकायत मिली थी।

शिकायत में अगौता ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत सलेमगढ़ रसीदपुर, और रसूलपुर तेलिया में तैनात सचिव राजीव कुमार पर आरोप था कि सचिव ने गांव के विकास के लिए मिले 50 हजार रुपये की धनराशि में हेराफेरी कर दी।

इसके अलावा ग्राम पंचायत सैदपुर,जीवन ज्योत, अड़ोली आलमगीरपुर नैनसुख, चरोरा मुस्तफाबाद, सराय छबीला में तैनात ग्राम सचिव कपिल कुमार पर 3.65 लाख रुपये की हेराफेरी और ब्लॉक जहांगीराबाद क्षेत्र की ग्राम पंचायत सूरजपुर ठीकरी, बादशाहपुर और तालाब वैश्य रामपुर में तैनात सचिव गौरव भालपुर पर 30.5 हजार रुपये की हेराफेरी करने का आरोप था।

इसी तरह मुल्लानी बमनपुरा तालुका में तैनात सचिव गौरव कुमार पर 29 हजार रुपये, ग्राम पंचायत सिहाली झाइयां पर तैनात सचिव रोहित ढाका पर 04 हजार रुपये, पाली परतापुर में तैनात ग्राम सचिव अमित मलिक पर दो हजार रुपये और ग्राम पंचायत बांसुरी बटोरा में तैनात ग्राम सचिव अजीम खान पर 8500 रुपये की राशि का हेराफेरी करने का आरोप है।

जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इन सभी ग्राम सचिवों ने एसजे एंटरप्राइज नामक कंपनी को इस राशि का भुगतान किया है। शिकायत मिलने के बाद उन्होंने जिला ग्रामीण विकास अभिकरण विभाग के परियोजना निदेशक विनय कुमार श्रीवास्तव, जिला विकास अधिकारी सुभाष नेमा और जिला पंचायत राज अधिकारी डॉ प्रीतम सिंह को जांच सौंपी थी। जांच में सभी तथ्य सही पाये जाने के उपरांत जिलाधिकारी ने इस प्रकरण को प्राथमिकता से लेते हुए कल देर शाम सातों सचिवों को निलंबित कर दिया।

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