नैनीताल: पिरूल इकट्ठा करने में जुटीं पहाड़ की महिलाएं, वनाग्नि की घटनाओं में लगेगा अंकुश
नैनीताल, अमृत विचार। वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सेंड सहायता समूहों की ओर से पिरूल के एकत्रीकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है। पिरूल को औद्योगिक विकास के लिये वन विभाग के माध्यम से फैक्टरी की मांग को पूरा किया जाएगा। इसके बदले में महिलाओं को 2 रुपये प्रति किलोग्राम की दर …
नैनीताल, अमृत विचार। वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सेंड सहायता समूहों की ओर से पिरूल के एकत्रीकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है। पिरूल को औद्योगिक विकास के लिये वन विभाग के माध्यम से फैक्टरी की मांग को पूरा किया जाएगा। इसके बदले में महिलाओं को 2 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से भुगतान किया जाएगा।
देखें वीडियो: महिलाओं के माध्यम से इकट्ठा किए गए पिरूल को बायोमास के लिए तैयार करती मशीन
जंगलों में प्रचुर मात्रा में बायोमास के रूप में उपलब्ध पिरूल के एकत्रीकरण का कार्य बल्दियाखान में गुरुवार से शुरू किया गया। वहीं, नैनीताल वन प्रभाग के टिफिन टॉप क्षेत्र में भी डीएफओ के निर्देश पर बांज के पत्तों को एकत्र कर उन्हें गड्ढों में भरने का काम किया गया। इससे पहले बांज की पत्तियों को जलाया जाता था लेकिन हाईकोर्ट के निर्देश पर अब इन्हें एकत्र कर गड्ढों में डाला जा रहा है। इससे कंपोस्ट तैयार कर उसका उपयोग नर्सरी और बॉटनिकल गार्डन के लिए किया जाएगा।
मुख्य विकास अधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने सभी खंड विकास अधिकारी को निर्देशित किया है कि समस्त स्वयं सहायता समूह के सहयोग से पिरूल संग्रहण का कार्य कराया जाए। इससे पर्यावरण स्वच्छ, लोगों की आर्थिकी सशक्त व पिरूल के साफ हो जाने से वनाग्नि की घटनाओं पर अंकुश लगेगा।
