सारकेगुड़ा एडसमेटा के प्रभावितों को सरकार देगी मुआवजा- कवासी लखमा

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जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के उद्योग मत्री कवासी लखमा ने कहा कि सारकेगुड़ा एडसमेटा के प्रभावितों को सरकार ने मुआवजा देने का निर्णय लिया है, जिसके लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति की रिपोर्ट प्राप्त होते ही प्रावधानों के मुताबिक मुआवजा वितरण किया जाएगा। लखमा ने का कि एडसमेटा के प्रभावित परिवारों ने सुप्रीम …

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के उद्योग मत्री कवासी लखमा ने कहा कि सारकेगुड़ा एडसमेटा के प्रभावितों को सरकार ने मुआवजा देने का निर्णय लिया है, जिसके लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति की रिपोर्ट प्राप्त होते ही प्रावधानों के मुताबिक मुआवजा वितरण किया जाएगा। लखमा ने का कि एडसमेटा के प्रभावित परिवारों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, इसलिए इस मामले में सरकार कोर्ट के निर्णय का इंतजार करेगी।

आदिवासी इलाकों में पेसा कानून लागू करने के लिए सरकार गंभीर है, लेकिन इसके क्रियान्वयन से समाज के किसी भी वर्ग का अहित नहीं होना चाहिए। इसके लिए सरकार अन्य राज्यों के पेसा कानून का मंथन कर रही है। इसके पश्चात इसे छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सलवा जुडूम के विस्थापितों के पुनर्वास के लिए भी राज्य सरकार तैयार है। इस बाबत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों के अधिकारियों का दल आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना गया हुआ था, जिसकी रिपोर्ट शीघ्र ही मुख्यमंत्री को को सौंपी जाएगी।

साथ ही उन्होंने दावा किया कि राज्य में जब से भूपेश बघेल की सरकार सत्ता में आई है, तब से आदिवासी एवं कमजोर वर्ग की परेशानियां कम हुई है। भाजपा सरकार के दौरान छोटे मोटे मामलों में गिरफ्तार किए गए 1200 से अधिक आदिवासियों को कांग्रेस की राज्य सरकार ने जेल से रिहा करवाया है। बुर्कापाल मामले की सरकार समीक्षा कर रही है। इस मामले में जिन ग्रामीणों के खिलाफ साक्ष्य नहीं है, उनकी रिहाई के लिए सरकार प्रयासरत है।

उन्होंने सिलगेर कांड को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि उनकी कोशिश है कि इस मामले में पीड़ितों को न्याय मिले और उनकी परेशानियां खत्म हों। उन्होंने कहा कि सलवा जुडूम के लिए तत्कालीन भाजपा सरकार दोषी है। उस दौरान एक लाख से अधिक लोग दक्षिण बस्तर से पलायन कर आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना में बसने विवश हुए थे। कई परिवारों ने वहाँ पर राशनकार्ड, मतदाता परिचयपत्र और आधारकार्ड बनवा लिया है और वे वापस आना भी नहीं चाहते। लेकिन उन्हें जाति प्रमाणपत्र को लेकर परेशानी हो रही है, क्योंकि उन राज्यों में अजजा की सूची में कोया, बंजारा और दोरला जाति ही अंकित है।

गोंड, मुरिया, हल्बा, माड़िया सहित कई जातियों को अजजा के रूप में मान्यता नहीं है। इस संबंध में राज्य सरकार केंद्र सरकार के माध्यम से उन्हें वहां अजजा का दर्जा दिलवाने की कोशिश करेगी और जो लोग वापस आना चाहेंगे, कांग्रेस सरकार उनका पुनर्वास करेंगी। प्रभारी मंत्री ने कहा कि भाजपा शासनकाल में घटित टीएमटीडी कांड की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद राज्य सरकार ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया है।

पिछले दिनों उन्होंने जगरगुंडा प्रवास के दौरान आगजनी के शिकार 269 लोगों को कुल 4 करोड़ 80 लाख का मुआवजा वितरित किया है। मुख्यमंत्री बघेल ने जगरगुंडा के लिए 30 बिस्तरों के नए अस्पताल को बजट में मंजूर किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के आने के साढे तीन वर्षों के बाद ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर इलाके में दर्जनों विकास कार्य शुरू करवाए गए हैं। इलाके में सड़क, बिजली, पेयजल के साथ साथ पीडीएस की दुकानें भी खोली गई है, अब आदिवासियों को राशन लेने दूर नहीं जाना पड़ता।

उन्होंने कहा कि बीजापुर से सिलगेर तक अब नियमित बस चल रही है, इससे लोगों को परेशानियों से निजात मिली है। जिन लोगों के पास मतदाता, आधार एवं राशनकार्ड कार्ड नहीं थे, शिविर लगाकर उनके कार्ड बनवाए गए हैं।

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