Moradabad: सबकी जुबां पर मैरी क्रिसमस, उल्लास से सराबोर हुआ महानगर

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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मुरादाबाद, अमृत विचार। गुरुवार को क्रिसमस डे पर महानगर पूरी तरह से उल्लास, उमंग और खुशियों के रंग में रंगा नजर आया। हर ओर मैरी क्रिसमस की गूंज सुनाई दी। बच्चे, बूढ़े और जवान सभी इस पर्व की खुशियों में डूबे दिखाई दिए। कहीं सेंटा क्लाज उपहार बांटते नजर आए तो कहीं सजी-संवरी युवतियां सेल्फी लेकर इस खास पल को अपने कैमरों में कैद करती दिखीं। घरों और बाजारों में खास पकवानों की खुशबू और लोगों के चेहरों पर मुस्कान क्रिसमस की रौनक को और बढ़ा रही थी।

यीशु मसीह के जन्म की खुशी में बुधवार की रात 12 बजे से ही गिरिजाघरों और चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन शुरू हो गया था। जैसे ही प्रभु यीशु के जन्म का संदेश दिया गया, चर्चों में घंटे-घड़ियालों की गूंज और कैरल्स की मधुर ध्वनि वातावरण को भक्तिमय बना गई। ईसाई समाज के लोग एक-दूसरे को गले लगाकर क्रिसमस की बधाइयां देते नजर आए। जो लोग दूर थे, उन्होंने मोबाइल और सोशल मीडिया के माध्यम से शुभकामनाएं भेजकर इस पावन अवसर को साझा किया।

गुरुवार की सुबह पीलीकोठी स्थित मेथोडिस्ट चर्च, टाउनहाल स्थित ओल्ड मेथोडिस्ट चर्च सहित शहर के सभी गिरिजाघरों में विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की गईं। मेथोडिस्ट चर्च में पादरी ब्रजेश मैंसल और ओल्ड मेथोडिस्ट चर्च में पादरी डेविड जेम्स ने प्रभु यीशु की आराधना कराई। उन्होंने अपने संदेश में प्रेम, भाईचारे, आपसी सौहार्द और शांति का महत्व बताया तथा प्रभु यीशु के दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। क्रिसमस पर्व को लेकर बच्चों में विशेष उत्साह देखने को मिला। 

सेंटा क्लाज की लाल पोशाक, सफेद दाढ़ी और उपहारों से भरी टोकरी बच्चों के आकर्षण का केंद्र बनी रही। शहर के कई स्कूलों में क्रिसमस को लेकर पहले से ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। बच्चों ने प्रभु यीशु के जन्म पर आधारित रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। सुंदर झांकियों और नाटकों के माध्यम से प्रभु यीशु के संदेशों को सजीव रूप में प्रस्तुत किया गया, जिसे देखकर लोग भावविभोर हो उठे। 

पीलीकोठी चौराहे पर मेले जैसा माहौल नजर आया। चर्च में सुबह 10 बजे से प्रार्थना सभाओं का सिलसिला चलता रहा। दिनभर ईसाई समाज के लोग प्रभु यीशु के जन्म की खुशियां मनाते रहे। घरों में विशेष पकवान बनाए गए और रिश्तेदारों व मित्रों के साथ पर्व की खुशियां साझा की गईं। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर चर्चों और आसपास के इलाकों में पुलिसकर्मियों की तैनाती रही, जिससे आयोजन शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न हो सके।

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