बीएनपी नेता रहमान 17 साल के स्वनिर्वासन के बाद स्वदेश लौटे, समावेशी बांग्लादेश बनाने की अपील
ढाका। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान 17 साल से अधिक समय तक स्वनिर्वासन में रहने के बाद बृहस्पतिवार को ढाका लौट आए जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। देश के अगले प्रधानमंत्री बनने के प्रमुख दावेदार रहमान ने शाहजलाल हवाई अड्डे पर पहुंचने के तुरंत बाद नंगे पैर बांग्लादेशी धरती पर खड़े होकर देश की राजनीति में अपनी वापसी को प्रतीकात्मक रूप से चिन्हित किया। कुछ ही घंटे बाद, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के 60 वर्षीय बेटे रहमान ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए, देश में शांति व स्थिरता बनाए रखने का आह्वान किया और "समावेशी बांगलादेश" बनाने के लिए एक व्यापक योजना प्रस्तुत की।
उन्होंने कहा, अब समय आ गया है कि हम सभी मिलकर देश का निर्माण करें। हम एक सुरक्षित बांगलादेश बनाना चाहते हैं। बांगलादेश में, चाहे महिला हो, पुरुष हो, या बच्चा, उन्हें अपने घरों से सुरक्षित रूप से बाहर जाने और सुरक्षित रूप से वापस लौटने का अधिकार होना चाहिए। रहमान की वापसी ऐसे समय में हुई है जब प्रमुख युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद से देश में अशांति और राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई है जिसने पूरे बांग्लादेश को अपनी चपेट में ले लिया है। हादी ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाने में अहम भूमिका निभाई थी। रहमान ने अमेरिकी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता मार्टिन लूथर किंग के प्रसिद्ध उद्धरण आई हैव अ ड्रीम का उल्लेख करते हुए कहा, मेरे पास अपने देश के लोगों और अपने देश के लिए एक योजना है। ढाका के जुलाई 36 एक्सप्रेसवे पर अपने संबोधन में रहमान ने कहा कि वह समावेशी बांग्लादेश बनाना चाहते हैं, जहां हर जाति नस्ल, धर्म के लोग शांतिपूर्ण माहौल में रह सकें।
उन्होंने कहा, हमारे देश में पहाड़ी और मैदानी इलाकों के लोग हैं। मुसलमान, हिंदू, बौद्ध और ईसाई हैं। हम एक सुरक्षित बांगलादेश बनाना चाहते हैं, जहां हर महिला, पुरुष और बच्चा अपने घर से सुरक्षित रूप से निकल सके और सुरक्षित रूप से वापस लौट सके। बीएनपी के सचिव जनरल मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर और पार्टी के अन्य नेताओं ने कड़ी सुरक्षा के बीच ढाका में हजरत शाहजलाल हवाई अड्डे पर रहमान का स्वागत किया। रहमान के साथ उनकी पत्नी जुबैदा रहमान और बेटी जैमा रहमान भी थीं। रहमान 2008 से लंदन में रह रहे थे। वह जिया की तबीयत खराब होने के बाद 2018 से बीएनपी की प्रभावी रूप से अगुवाई कर रहे हैं। बीएनपी फरवरी में होने वाले चुनावों में सत्ता हासिल करने के लिए प्रमुख दावेदार के रूप में उभरी है, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री हसीना की पार्टी अवामी लीग के चुनाव में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। वर्ष 2001 से 2006 तक बीएनपी के कार्यकाल के दौरान पार्टी की सहयोगी रही जमात-ए-इस्लामी अब उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी मानी जा रही है क्योंकि अंतरिम सरकार ने देश के कठोर आतंकवाद-रोधी कानून के तहत एक कार्यकारी आदेश के जरिए अवामी लीग के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
बीएनपी ने जब लंदन से रहमान की वापसी की योजना की घोषणा की थी, तो रहमान ने कहा था, "जिस तरह कोई बच्चा, अपनी गंभीर रूप से बीमार मां के संकट के समय उसके पास होना चाहता है, वैसे ही मैं बांग्लादेश लौटना चाहता हूं।" रहमान की ढाका वापसी ऐसे समय में हुई है जब बांगलादेश-भारत संबंध तेजी से खराब हो रहे हैं। हालांकि उन्होंने अपने संबोधन में भारत का प्रत्यक्ष रूप से कोई जिक्र नहीं किया। बीएनपी नेता बुलेटप्रूफ बस में सवार होकर हवाई अड्डे से रवाना हुए थे। हवाई अड्डे से रवाना होने से पहले, रहमान ने फोन पर बातचीत में अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद युनूस को धन्यवाद किया। यूनुस ने उनकी सुरक्षा के लिए की गई व्यवस्था और उनके घर वापसी कार्यक्रमों के आयोजन के लिए समर्थन दिया था। बीएनपी की ओर से साझा किए गए एक वीडियो में रहमान को यह कहते हुए देखा गया, "मैं अपनी और अपने परिवार की ओर से आपका आभार व्यक्त करता हूं। खासकर, मेरी सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के लिए कर्तज्ञता जताता हूं।
रहमान ने 1971 में बांग्लादेश की स्थापना का भी उल्लेख किया। उन्होंने पिछले साल हसीना के नेतृत्व वाली सरकार गिरने का जिक्र करते हुए कहा, "जिस तरह 1971 में, सभी वर्गों के लोगों ने मिलकर इस देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा की, वैसे ही 2024 में भी लोगों ने एकजुट होकर शेख हसीना सरकार को सत्ता से बाहर किया।” रहमान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ढाका में करीब 4,000 सैन्य कर्मी, अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी), दंगा नियंत्रण उपकरणों में लैस पुलिसकर्मी और सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। बांग्लादेश में हादी की मौत के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं। उनकी हत्या से भारत-बांग्लादेश के संबंध एक बार फिर तनावपूर्ण हो गए हैं। भारत ने मंगलवार को हादी की मौत की पूरी जांच की मांग की। हादी की हत्या में भारत का हाथ होने के बिना प्रमाणित आरोपों की वजह से बांगलादेश में भारत के खिलाफ नकारात्मक भावना पैदा हुई है। हसीना सरकार गिरने पर मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार बनने के बाद भारत और बांगलादेश के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। भारत ने बांगलादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की है।
