पीलीभीत: मेडिकल में चलता मिला क्लीनिक, सिटी मजिस्ट्रेट ने कराया सील

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

अमृत विचार, पीलीभीत। मेडिकल के भीतर अवैध रूप से क्लीनिक संचालित होने की सूचना पर सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मेडिकल पर छापा मारा। जहां मेडिकल के अंदर एक कमरे में क्लीनिक चलता पाया गया। संचालक ने ऑनलाइन इलाज करने की बात कही। मगर, जब मरीज से पूछताछ की गई …

अमृत विचार, पीलीभीत। मेडिकल के भीतर अवैध रूप से क्लीनिक संचालित होने की सूचना पर सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मेडिकल पर छापा मारा। जहां मेडिकल के अंदर एक कमरे में क्लीनिक चलता पाया गया। संचालक ने ऑनलाइन इलाज करने की बात कही। मगर, जब मरीज से पूछताछ की गई तो उसने डॉक्टर के यहां आने की जानकारी दी। इस पर क्लीनिक को सील कर दिया गया। साथ ही संचालक को हिदायत दी कि वह दो दिन के भीतर क्लीनिक में बैठने वाले डॉक्टर के मूल प्रपत्र के साथ कार्यालय में उपस्थित हों, वरना उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

शहर के माधोटांडा रेलव क्रांसिग के समीप प्रजापति मेडिकल स्टोर में अवैध रूप से क्लीनिक चलाकर मरीजों की जान से खिलवाड़ करने की शिकायत की गई थी। इस पर एसीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया था। एसीएमओ के अनुसार मेडिकल संचालक उमेंद्र का तर्क था कि डॉक्टर ऑन कॉल पर मरीजों का इलाज करते हैं। यहां नहीं बैठते हैं। इस पर उसे पंजीकरण दिखाने के निर्देश दिए थे। मगर, इसके बाद भी मेडिकल संचालक अपने अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए। बृहस्पतिवार को सिटी मजिस्ट्रेट डॉ राजेश कुमार, एसीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी ने थाना पुलिस के साथ मेडिकल पर छापा मारा।

प्रशासन के छापे से नाराज मेडिकल संचालक पहले तो भिड़ना शुरू हो गया। जब पड़ताल की गई तो मेडिकल के पीछे एक कमरे में अवैध क्लीनिक बना मिला। जहां ब्लड प्रेशर मशीन, शुगर मशीन, ऑक्सीजन सिलेंडर, फ्लोमीटर, ऑक्सीजन मास्क के साथ तमाम तरह की इंजेक्शन और दवाएं रखी मिली। वहीं क्लीनिक में एक मरीज भी बैठा मिला। जब उसे पूछताछ की गई तो उसने खुद को उत्तराखंड के खटीमा तहसील का रहने वाला बताया। वह खटीमा से अपनी टीबी की बीमारी का इलाज करने के लिए लंबे समय से मेडिकल पर आ रहा है। जब संचालक से डॉक्टर की डिग्री और पंजीकरण मांगा तो वह दिखा नहीं सका। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट के निर्देश पर क्लीनिक वाले कमरे को सील कर दिया।

बचाव में पहुंचे थे व्यापारी, मगर एक नहीं चली
मेडिकल के भीतर अवैध रूप से क्लीनिक सील करने की सूचना पर शहर के तमाम बड़े व्यापारी पैरवी करने के लिए मौके पर पहुंच गए थे। लेकिन सिटी मजिस्ट्रेट के तेवर देखकर किसी भी व्यापारी नहीं चल सकी। व्यापारी चुपचाप प्रशासन की कार्रवाई को देखते रहे तो वहीं कई शहर के प्रतिष्ठित लोगों भी अवैध क्लीनिक चलाने वाले की पैरवी में जुटे रहे।

डॉ. राजेश कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट-
अवैध रूप से मेडिकल में क्लीनिक चलाने की सूचना पर छापा मारा गया था। जहां क्लीनिक चलता पाया गया है। हालांकि मौके पर कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं मिला। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लीनिक को सील कर दिया है। साथ ही उसे सीएमओ कार्यालय में पंजीकरण और डॉक्टर की डिग्री तलब की गई है। जिसकी जांच के बाद आगे की कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग करेगा।

ये भी पढ़ें- बरेली: हत्यारे पती को फांसी की सजा, चाकू से गोदकर की थी पत्नी की हत्या

संबंधित समाचार