बाबा योगेंद्र का गोलोक वासी होना कला जगत में अपूरणीय क्षति: सुधा मोदी
गोरखपुर। कला के सच्चे साधक थे बाबा योगेंद्र। उन्होंने के देश के तमाम कलाकारों को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। जिसका प्रतिफल है कि भारत के कोने-कोने से कलाकार संस्कार भारती से जुड़ा और अपनी कला व संस्कृति को समूचे देश में फैला रहा है। बाबा का गोलोक वासी होना कला जगत में …
गोरखपुर। कला के सच्चे साधक थे बाबा योगेंद्र। उन्होंने के देश के तमाम कलाकारों को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। जिसका प्रतिफल है कि भारत के कोने-कोने से कलाकार संस्कार भारती से जुड़ा और अपनी कला व संस्कृति को समूचे देश में फैला रहा है। बाबा का गोलोक वासी होना कला जगत में अपूरणीय क्षति है। यह संवेदना संस्कार भारती महानगर अध्यक्ष सुधा मोदी ने शनिवार को उनके निधन पर बेतियाहाता स्थित स्कूल के सभागार में आयोजित श्रद्धांजलि सभा पर प्रकट किया।
महामंत्री सुशील श्रीवास्तव ने कहा कि बाबा 98 वर्ष कि आयु पूरी कर 99वें वर्ष में चल रहे थे। इस उम्र में भी वो पूरी तन्मयता के साथ आयोजनों में शामिल होने का जो ज्जबा दिखा वो अविस्मरणीय था। आपने अपने सभी कलाकारों कि चिंता रहती थी तभी तो महराजगंज के अपने सेवक रहे के बेटे के वैवाहिक कार्यक्रम शामिल होने यहां आए थे। कोषाध्यक्ष नितिन जायसवाल ने कहा कि मेरी पहली मुलाकात यादगार थी लगा बाबा को लंबे समय से जानता और पहचानता हूं। उनसे मिलने के बाद लगा कि उनका गोरखपुर से विशेष लगाव है। बातों बातों में पुराने कार्यकर्ताओं के बारे पूछना इस बात को दर्शाता है।
इसी क्रम में मधु अग्रवाल, डॉ अमरनाथ, सुनिशा श्रीवास्तव, जी आर बरनवाल, सुनीता, आशुतोष मिश्रा, अनूप अग्रवाल, प्रो रमेशचंद्र, दीपक अग्रवाल संस्था के अन्य कला साधकों ने विचारों को व्यक्त कर ते हुए श्रद्धांजलि अर्पित किया। इस मौके पर रश्मि, मंजू, संजय, धर्मेंद्र,रमेश, वीरेंद्र, विवेक श्रीवास्तव, हरप्रीत सिंह, विवेक अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।
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