बरेली: चार्जशीट ने बढ़ा दी पार्षदों को राजनैतिक करियर की चिंता
अमृत विचार, बरेली। नगर निगम में भाजपा पार्षद के खिलाफ चार्जशीट लगने का मामला सामने आने के बाद पार्षदों को अपने राजनीतिक करियर की चिंता सताने लगी है। पार्टी ने स्वच्छ और बेदाग छवि वाले उम्मीदवारों की योग्यता रखी तो कई भाजपा पार्षदों को टिकट मिलना भी खटाई में पड़ सकता है। हालांकि पार्षद मानते …
अमृत विचार, बरेली। नगर निगम में भाजपा पार्षद के खिलाफ चार्जशीट लगने का मामला सामने आने के बाद पार्षदों को अपने राजनीतिक करियर की चिंता सताने लगी है। पार्टी ने स्वच्छ और बेदाग छवि वाले उम्मीदवारों की योग्यता रखी तो कई भाजपा पार्षदों को टिकट मिलना भी खटाई में पड़ सकता है। हालांकि पार्षद मानते हैं कि किसे टिकट मिलेगा किसे नहीं यह निर्णय पार्टी करेगी और यह भी तय है कि क्या जेल में रहकर चुनाव नहीं लड़े जा सकते हैं। अब इस बात का निर्णय पार्टी करेगी और उसका फैसला सभी को मान्य होगा।
चार साल पहले तत्कालीन नगर आयुक्त सैमुअल पाल के समय इंदिरा मार्केट में खोखे रखने को लेकर उठा मामला इतना बढ़ गया था कि प्रकरण में नगर आयुक्त और सिटी मजिस्ट्रेट की ओर से पार्षदों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी गई थी। उस वक्त पार्षदों में सत्ता का नशा था और उन्होंने अपने ऊपर गंभीर धाराओं की दर्ज रिपोर्ट पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन चार साल बाद जब से पार्षदों के खिलाफ चार्जशीट लगने की बात सामने आई है तब से वे भी चिंता में हैं।
चार साल में जितने भी वरिष्ठ नेता बरेली आए सभी को पार्षदों ने अपने खिलाफ दर्ज रिपोर्ट वापस लेने का पत्र दिया। तीन दिन पूर्व मंडल प्रभारी मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी बरेली आए तो उन्होंने पार्षदों को बुलाकर उन्हीं के सामने एडीजी से बात करके चार्जशीट वापस लेने की बात कही। पार्षद इस बात से संतुष्ट हुए कि किसी नेता ने उनकी बात को तरजीह दी लेकिन जानकार बताते हैं कि मुकदमे वापस लेना इतना आसान नहीं है।
इसके पीछे तर्क है कि धारा 144 लगने की सूचना प्रशासन की ओर से निगम की दीवारों पर और शहर में चस्पा की गई थी। पार्षदों ने कानून व्यवस्था का पालन करना उचित नहीं समझा। धरना दिया, हंगामा किया और अफसर के खिलाफ पुतला दहन भी किया। सभी मामलों का वीडियो भी बनाया गया। रिपोर्ट दर्ज कराते समय अधिकांश भाजपा पार्षदों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई और कई अज्ञात में शामिल किए गए।
अब डर इस बात का भी है कि अज्ञात में किन-किन पार्षदों को शामिल किया गया। यह भी बताया जा रहा कि महिला पार्षद भी शामिल रहीं लेकिन उनका नाम दर्ज नहीं है। यह वीडियो देखकर तय होगा। भाजपा पार्षद बताते हैं कि उनके साथ धोखा किया गया है। पार्षद नगर निगम आते रह गए और उनके खिलाफ जांच भी पूरी हो गई। अब चुनाव नजदीक हैं तो इंदिरा मार्केट खोखों का जिन्न फिर बाहर आ रहा है।
यह था मामला
ये मुकदमा इंदिरा मार्केट व जिला पंचायत भवन रोड पर लगाए गए अवैध खोखों के संबंध में लगा था। जिला पंचायत भवन रोड पर रखे अवैध खोखे तो हटा दिए गए लेकिन आज तक यह सिद्ध नहीं हो सका कि यह खोखे लगवाए किसने, बनवाए किसने। अफसरों के दबाव में खोखे लगवाने वालों से किराया भी वसूल लिया गया।
वसूले गए किराए की रसीद पर यह भी दर्ज है कि किस नेता के निर्देश और किस अफसर के निर्देश पर यह किराया वसूला गया। यह भी जांच का विषय हो सकता है। पूर्व अपर नगर आयुक्त ईश शक्ति सिंह ने तब मात्र 44 फड़ों को वैध बताया था, जबकि मौके पर इससे ज्यादा अवैध खोखे सामने आए थे।
