रुद्रपुर: 29 बाढ़ चौकियों सहित तहसीलों में बनाए गए आठ बाढ़ नियंत्रण कक्ष

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मनोज आर्या, रुद्रपुर, अमृत विचार। तराई में मानसून सत्र आने की दस्तक से पहले ही जिला आपदा प्रबंधन अलर्ट मोड में आ गया है। जिसको लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने जिले के अतिसंवेदनशील, संवेदनशील और जलभराव वाले स्थानों को चिन्हित कर लिया है। साथ ही आपदा से निपटने के लिए बाढ़ चौकियों के अलावा तहसीलों …

मनोज आर्या, रुद्रपुर, अमृत विचार। तराई में मानसून सत्र आने की दस्तक से पहले ही जिला आपदा प्रबंधन अलर्ट मोड में आ गया है। जिसको लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने जिले के अतिसंवेदनशील, संवेदनशील और जलभराव वाले स्थानों को चिन्हित कर लिया है। साथ ही आपदा से निपटने के लिए बाढ़ चौकियों के अलावा तहसीलों में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिए है। साथ ही संबंधित विभागों को कार्ययोजना बनाकर भेज दी है। ताकि आपदा की स्थिति में प्रभावितों को तत्काल मदद पहुंचाई जा सकें।

वर्ष 2021 में मौसम विभाग की चेतावनी को जिला आपदा प्रबंधन ने हल्के में ले लिया था। जिसका परिणाम यह रहा था कि अक्टूबर में पूरा जिला जलमग्न हो गया था और कई स्थानों पर बाढ़ आने से लोगों को भारी नुकसान का सामना भी करना पड़ा था। रुद्रपुर शहर को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। मगर वर्ष 2022 में आने वाले मानसून को लेकर जिला आपदा प्रबंधन विभाग कोई लापरवाही बरतने के मूड में नहीं है। यहीं वजह है कि मानसून आने से पहले ही आपदा प्रबंधन ने सारी तैयारियां पूर्ण कर ली है। आपदा प्रबंधन सशक्तिकरण सलाहकार आरएस राणा ने बताया कि जिले भर की भौगोलिक परिस्थितियों का धरातल पर मुआयना किया गया है।

इसके आधार पर ऊधमसिहनगर के 52स्थानों को अंतिसंवेदनशील, 68 स्थानों को संवेदनशील और 99स्थानों को जलभराव स्थान चिहिनत किया गया है। मानसून के दौरान आने वाली आपदा से निपटने के लिए 29 बाढ़ चौकियां, जिले के आठ तहसीलों में आठ बाढ़ नियंत्रण कक्ष सहित 16 नगर निकायों को कार्ययोजना बनाकर भेज दी गई है। इसके अलावा अतिसंवेदनशील और संवेदनशील गांवों के लोगों को बाढ़ बचाव का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। साथ ही 95 आश्रय बनाए गए है। जिनमें 51220 लोगों को समायोजित किया जा सकता है। कंट्रोल रुम में तीन-तीन कार्मिकों की डयूटी में भी लगाई जाएंगी। जो जिला आपदा कंट्रोल रुम में आपदा संबंधी सूचनाओं का आदान प्रदान करेगे।

जिले के अतिसंवेदनशील इलाके
1-जसपुर- गांव राजपुर, नवलपुर
2-काशीपुर-गांव दभौरा मुस्तहम,अजीतपुर
3-बाजपुर-गांव जोगीपुरा,गोबरा
4-गदरपुर-गूलरभोज, नई बस्ती, रेलवे स्टेशन, कूल्हा, धीमरी ब्लाक, दिनेशपुर चंदनगढ़, कालीनगर, रजपुरा कॉलोनी, केशोगढ़ कॉलोनी
5-रुद्रपुर- खेड़ा कॉलोनी, जगतपुरा
6-किच्छा-खमियां नंबर 1, 2, 3 ,4, कोटखर्रा, बंडिया, किच्छा, धाधा, सिरौलीखुर्द, सिरौलीकलां
7-सितारगंज- सुरेंद्रनगर, अरविंदनगर, निर्मलनगर, राजनगर, रुद्रपुर,ब रुआबाग, सिसौना, बमनपुरी, सितारगंज, रंपुरा, लौका, चीकाघाट, सलमत्ता, सलमती, रसोईयापुर, बिज्टी
8-खटीमा- सिसैया, भगपुरी, दाह, ढाकी, सुनपहर, मजगमी, गांगी दियां, जंगल जोगीठेर।
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जिले के संवेदनशील इलाके
1-जसपुर- हजीरो, कुर्पायपुर, किशनपुर, गढ़ीनेगी, बगवाड़ा, बेतवाला
2-काशीपुर- दभौरा, एहतमाली, बैलजुड़ी, महेशपुरा, सरवरखेड़ा, बांसखेड़ाकलां, बांसखेड़ा खुर्द, रजपुरारानी, कचनालगुसाई,
3-बाजपुर- चकरपुर, चनकपुर, भौनाइस्लामनगर, महैयाबक्शी।
4-गदरपुर- डौकपुरी, मोतियापुरा कॉलोनी, पिपलिया, बरीराई, कुईखेड़ी, खुशालपुर, मसीत, मजराशीला।
5-रुद्रपुर-रंपुरा, रुद्रपुर देहात, जगतपुरा, शिमला बहादुर।
6-किच्छा-कनगन, गंगोली, बखपुर, नजीमाबाद, सतुईया, बागवाल, खुरर्पिया, गौरीकलां।
7-सितारगंज- बिचुआ, टुकड़ी, नकुलिया, थारुतिसौर, तुर्कातिसौरा, डोहरा, औकला, लांबाखेड़ा, ऐचता, देवकली, गटिहा, कौधरतन, पिंडारी, साधुनगर, मगरसाड़ा।
8 -खटीमा- भुड़िया देशी, प्रतापपुर, झनकट, बानूसा, पूरनापुर, नौसर, चंदेली, सड़ासड़िया, जादोपुर, रतनपुर, मोहम्मदपुर ,बिसौटा, उलधन, वनमहोलियां, दमगढ़ा, नगलातरोई, खालीमहुवट।
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मानसून को लेकर विभाग द्वारा पूरी तैयार कर ली है। इसके लिए भौगोलिक सूचना तंत्र को भी सक्रिय किया गया है। बाढ़ चौकियों, बाढ़ नियंत्रण कक्ष, आश्रय स्थलों के अलावा टीमों का गठन किया गया है। इसके अलावा अतिसंवेदनशील और संवेदनशील इलाकों पर आपदा विभाग फोकस करेगा। इसके लिए लोगों को कंट्रोल रूम का नंबर भी दिया गया है।
-उमाशंकर नेगी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, ऊधमसिंह नगर