हल्द्वानी: डाक विभाग ने ‘प्रसाद’ कर दिया चट, पोस्टमैन बोला- चूहा खा गया
संजय पाठक, हल्द्वानी। डाक विभाग की लापरवाही से कागजात खोने समेत अन्य नुकसान की खबरें आपने अक्सर सुनी होंगी। इस बार डाक विभाग ने भगवान के प्रसाद को ही चट कर दिया। हल्द्वानी से भाई ने लखनऊ निवासी बहन को स्पीड पोस्ट के जरिए श्रीमद्भागवत कथा का प्रसाद भेजा था लेकिन जब प्रसाद का लिफाफा …
संजय पाठक, हल्द्वानी। डाक विभाग की लापरवाही से कागजात खोने समेत अन्य नुकसान की खबरें आपने अक्सर सुनी होंगी। इस बार डाक विभाग ने भगवान के प्रसाद को ही चट कर दिया। हल्द्वानी से भाई ने लखनऊ निवासी बहन को स्पीड पोस्ट के जरिए श्रीमद्भागवत कथा का प्रसाद भेजा था लेकिन जब प्रसाद का लिफाफा लखनऊ पहुंचा तो बहन भी हैरान रह गई। उस पर पोस्टमैन का जवाब सुनकर बहन का माथा ठनक गया।
पोस्टमैन ने उन्हें बताया कि चूहे ने लिफाफा कुतर दिया है जिस कारण इसमें रखा सामान गायब हो गया। बहरहाल बहन ने प्रसाद के लिफाफे को सिर पर रखकर भगवान का आशीष समझ लिया और खाली लिफाफा पोस्टमैन का लौटा दिया। इस दौरान पोस्टमैन खाली लिफाफा लेने का दबाव बनाता रहा।

हल्द्वानी आदर्शनगर गली नंबर छह निवासी वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र रौतेला की बहन रेनू बिष्ट पत्नी कुबेर सिंह बिष्ट लखनऊ के शक्तिनगर क्षेत्र में रहती हैं। पिछले दिनों जितेंद्र ने अपने पैतृक आवास विनायक, भीमताल में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया था। ऐसे में बहन तक आशीष पहुंच जाए, इसके लिए उन्होंने 29 जून को प्रसाद और कुछ फूल एक लिफाफे में रखकर मुख्य डाकघर से लखनऊ के पते पर स्पीड पोस्ट किया। सुरक्षा के लिए तीन लिफाफों में प्रसाद को रखा।
जितेंद्र रौतेला ने बताया कि डाक कर्मचारी ने प्रसाद की सुरक्षा के लिए उन्हें एक और लिफाफा लगाने को कहा जिस पर उन्होंने डाकघर से ही लिफाफा लेकर स्पीड पोस्ट किया। लेकिन दो जुलाई की दोपहर करीब 12 बजे जब लिफाफा बहन को पास पहुंचा तो वह फटा हुआ था। उसमें से प्रसाद गायब था और स्टेपलर किया गया था। जबकि उन्होंने लिफाफे को गोंद से चिपकाया था। डाक विभाग की लापरवाह कार्यशैली से आस्था को चोट लगी है। मामले में मुख्यडाकघर के पोस्टमास्टर वाईके बमेटा से संपर्क किया गया लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।
प्रवर डाक अधीक्षक बोले- फोन पर नहीं दफ्तर में आओ तब सुनूंगा शिकायत
स्पीड पोस्ट से प्रसाद गायब होने के मामले में जब अमृत विचार ने नैनीताल मंडल के प्रवर डाक अधीक्षक से पक्ष लेना चाहा तो उनका जवाब हैरान और परेशान करने वाला था। प्रवर डाक अधीक्षक हरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि मामला संज्ञान में नहीं है। अभी वह अभी गाड़ी में बैठे हैं, मामले में वर्जन चाहिए तो मेरे दफ्तर आइये। मैं फोन पर कोई वर्जन नहीं देता। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में डाक व्यवस्था का ऐसा हाल क्यों है। चाहे बारिश हो या तूफान, डाक विभाग से जुड़ी हर शिकायत के लिए जिले के लोगों को एसएसपी के दफ्तर आना ही होगा, तभी सुनवाई होगी।
इधर, जितेंद्र रौतेला ने बताया कि उन्होंने भी मामले की शिकायत को हल्द्वानी पोस्टमास्टर से लेकर एसएसपी तक को फोन किया लेकिन किसी ने फोन रिसीव नहीं किया। डाक विभाग के लैंडलाइन नंबर भी नहीं उठे। ऐसे में डाक विभाग से न्याय की उम्मीद करना बेईमानी सा है। प्रसाद की जगह महत्वपूर्ण कागजात होते तब क्या होता? उन्होंने जिलाधिकारी और कुमाऊं आयुक्त से मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई की मांग की है।
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