गोरखपुर : पुंछ में शहीद हुये जवान को राजघाट पर डीएम-एसएसपी ने दी सलामी
गोरखपुर, अमृत विचार। श्रीनगर के (कुपवाड़ा) पुंछ के जलास सेक्टर में मोर्टार गिरने से शहीद हुए देवरिया निवासी सेना के जवान ऋषिकेश चौबे का अंतिम संस्कार गुरुवार को गोरखपुर के राजघाट पर हुआ। शहीद के अंतिम संस्कार के दौरान जिलाधिकारी कृष्ण करुणेश,एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर,एसपी सिटी कृष्ण बिश्नोई ने राजघाट के राम घाट पर पहुंचकर …
गोरखपुर, अमृत विचार। श्रीनगर के (कुपवाड़ा) पुंछ के जलास सेक्टर में मोर्टार गिरने से शहीद हुए देवरिया निवासी सेना के जवान ऋषिकेश चौबे का अंतिम संस्कार गुरुवार को गोरखपुर के राजघाट पर हुआ। शहीद के अंतिम संस्कार के दौरान जिलाधिकारी कृष्ण करुणेश,एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर,एसपी सिटी कृष्ण बिश्नोई ने राजघाट के राम घाट पर पहुंचकर पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर राजकीय सम्मान के साथ दिया । इस दौरान उनके पैतृक गांव साेहनपुर से बड़ी तादाद में ग्रामीण गोरखपुर-देवरिया बाईपास से राजघाट के रामघाट तक पैदल जयघोष करते हुए पहुंचे।
बता दें कि देवरिया जनपद के बनकटा थाना क्षेत्र के सोहनपुर गांव के रहने वाले ऋषिकेश चौबे सेना में जवान थे। वह श्रीनगर के कुपवाड़ा में तैनात थे। पुंछ में जलास सेक्टर में बुधवार की शाम करीब 4:45 बजे मोर्टार गिरने से वह शहीद हो गए। सेना के अधिकारी ने इसकी जानकारी पिता राजेश चौबे को दी। शहीद ऋषिकेश चौबे का पूरा परिवार गोरखपुर के राम अवध नगर फेज टू जंगल सिकरी खोराबार में रहता है।
ऋषिकेश के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद स्वजन में चीख पुकार मची है। शहीद जवान की मां व पत्नी की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें गोरखपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रिश्तेदार व गांव के लोग गोरखपुर पहुंचकर पार्थिव शरीर आने की प्रतीक्षा कर रहे थे।सूर्यास्त होने के पश्चात अंतिम संस्कार सम्भव न होने के कारण परिजनों ने विचार विमर्श कर पार्थिव शरीर को पैतृक गांव ले जाने का विचार त्याग दिया। इसके बाद शहीद के पार्थिव शरीर का गोरखपुर के राजघाट पर राप्ती नदी के तट पर अंतिम संस्कार किया गया।
जहां जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश, एसएस पी डॉ. गौरव ग्रोवर, एसपी सिटी कृष्ण बिश्नोई, अपर एसडीएम शिवम एवं नायब तहसीलदार विकास सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी पहुंचकर गार्ड ऑफ ऑनर में सम्मिलित होकर देश के लाल को अंतिम सलामी दी।शहीद ऋषिकेश चार साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। उनके पिता राजेश चौबे भी सेना से तीन साल पहले सेवानिवृत्त हुए हैं। उनके तीन चाचा भी सेना में हैं।
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