सितारगंज: तालाबंदी के विरोध में डटे रहे जायडस श्रमिक
सितारगंज, अमृत विचार। जायडस वेलनेस की तालाबंदी के विरोध में श्रमिकों का आंदोलन 24वें दिन भी जारी रहा। श्रमिकों ने तालाबंदी खत्म कर रोजगार बहाली की मांग की। जायडस गेट पर जारी धरने के बीच कर्मचारियों ने कहा कि अवैध तरीके से तालाबंदी कर प्रबंधन ने श्रमिकों व उनके परिजनों को भुखमरी के कगार पर …
सितारगंज, अमृत विचार। जायडस वेलनेस की तालाबंदी के विरोध में श्रमिकों का आंदोलन 24वें दिन भी जारी रहा। श्रमिकों ने तालाबंदी खत्म कर रोजगार बहाली की मांग की। जायडस गेट पर जारी धरने के बीच कर्मचारियों ने कहा कि अवैध तरीके से तालाबंदी कर प्रबंधन ने श्रमिकों व उनके परिजनों को भुखमरी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है।
प्रबंधन को श्रमिकों के समक्ष आकर पूरे प्रकरण पर बात करनी चाहिये लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। प्रशासन पर भी उपेक्षा का आरोप लगाते हुये श्रमिकों ने कहा उनकी मांगों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
जायडस वेलनेस इम्पलाइज यूनियन के बैनर तले धरने पर बैठे इन कर्मचारियों का कहना था कि कंपनी प्रबंधन ने अचानक यह निर्णय लेकर श्रमिकों के हितों के साथ कुठाराघात किया है। इस तालाबंदी को गैरकानूनी बताते हुये श्रमिकों ने कहा कि कोविड काल में दवा उद्योग को सबसे ज्यादा लाभ हुआ है। ऐसे में घाटे की बात कहना बेमानी है।
श्रमिक नेताओं ने कहा कि यदि कंपनी को यह यूनिट बंद करनी थी तो इसके लिये नियमों के अनुसार कार्यवाही की जानी चाहिये थी। अचानक यह निर्णय लेने से कर्मचारियों के सामने भुखमरी की स्थिति आ जायेगी। कंपनी ने कर्मचारियों के भविष्य को लेकर भी कोई स्थिति साफ नहीं की है। कर्मचारियों ने यह तालाबंदी वापस लेने की मांग की। इस मौके पर विक्रम सती, अजय नेगी, चंद बोरा, रंजना राणा, पूरन सिंह, सोहन सिंह बिष्ट, अजय सिंह बिष्ट, नरेंद्र, जगदीश आदि मौजूद रहे।
