मथुरा: परिक्रमार्थियों की आस्था के आगे धूप और तपिश ने टेके घुटने

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मथुरा, अमृत विचार। गोवर्धन के मुड़िया पूर्णिमा मेला में आस्था का ज्वार चरम पर है। देश के कोने-कोने से लोग यहां सप्तकोशी परिक्रमा लगाने के लिए आ रहे हैं। सुबह से ही परिक्रमा शुरू हो जाती है जो कि अनावरत चलती रहती है। चिलचिलाती धूप हो या गर्मी और तपिश के रूप में आसमान से आग बरस …

मथुरा, अमृत विचार। गोवर्धन के मुड़िया पूर्णिमा मेला में आस्था का ज्वार चरम पर है। देश के कोने-कोने से लोग यहां सप्तकोशी परिक्रमा लगाने के लिए आ रहे हैं। सुबह से ही परिक्रमा शुरू हो जाती है जो कि अनावरत चलती रहती है। चिलचिलाती धूप हो या गर्मी और तपिश के रूप में आसमान से आग बरस रही हो परिक्रमार्थियों के आगे सब बेकार है।

मुड़िया पूर्णिमा पर एक बार फिर इंद्र देव ने ब्रजवासियों पर गर्मी का कहर बरपाया, लेकिन कान्हा और गोवर्धन महाराज ने उसका घमंड एक बार फिर चकनाचूर किया। शाम पांच बजे झमाझम बारिश हुई हो परिक्रमार्थियों की जैसे पूरी थकान काफूर हो गई। वह नये जोश और उत्साह के साथ परिक्रमा पूरी करने में जुट गए।

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