लखनऊ : 1,68,419 पीड़िताओं को मिला वूमेन पावर का “बूस्टरडोज”…जानें क्या है पूरा मामला

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लखनऊ। पुलिस महानिदेशक के निर्देशों पर वूमेन पावर हेल्पलाइन की तरफ से महिलाओं की शिकायतों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मिशन शक्ति अभियान के तहत कार्य योजना बनाकर कार्रवाई की जा रही है। साल 2022 में वूमेन पावर हेल्प लाइन सेवा में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। जनवरी 2022 से 30 जून तक …

लखनऊ। पुलिस महानिदेशक के निर्देशों पर वूमेन पावर हेल्पलाइन की तरफ से महिलाओं की शिकायतों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मिशन शक्ति अभियान के तहत कार्य योजना बनाकर कार्रवाई की जा रही है। साल 2022 में वूमेन पावर हेल्प लाइन सेवा में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। जनवरी 2022 से 30 जून तक हेल्पलाइन सेवा पर प्रदेशस्तर तक 1,89,004 शिकायतें मिली।

इनमें 1,68,419 शिकायतों का समाधान किया गया। 85,331 शिकायतें फोन बुलिंग, साइबर बुलिंग से सम्बन्धित हैं। शेष शिकायतें अन्य मामलों से संबन्धित हैं। बता दें कि हल हो चुकी शिकायतों का जिला पुलिस, जीआरपी, यूपी डायल 112 फालोअप कर एटीआर जारी कर रही है। अब तक 95 फीसदी महिला अपराध से सम्बन्धित शिकायतों को हल किया जा चुका है।

1090 के साइबर सेल की ओर से मिली शिकायतों के निस्तारण को और अधिक प्रभावी, गुणवत्तापरक एवं समयबद्ध बनाये जाने के लिए सेफ सिटी परियोजना के तहत 1090 के साइबर सेल को मजबूत किया गया है। जिसके तहत अत्याधुनिक साइबर फॉरेन्सिक टूल्स का उपयोग करते हुए इस तरह की शिकायतों का निस्तारण किया जा रहा है।

3490 पीड़िताओं की मिली ‘वूमेन पावर’

प्रदेश में महिला अपराध पर लगाम कसने के लिए यूपी सरकार ने वूमेन पावर हेल्प लाइन नंबर पर पीड़िताओं की शिकायत को संजीदगी के साथ प्राथमिकता दी है। एक रिपोर्ट की मानें तो जनवरी 2022 से 30 जून तक 3490 शिकायतों में एफएफआर (फैमिली फ्रेंडस रिलेटिव) काउन्सलिंग कर पीडि़ताओं को राहत पहुंचायी गयी। बताते चलें कि जटिल केसेज में संबधित कोतवाली को रिपोर्ट सौंप कर प्राथमिकी दर्ज कराते हुए जून 2020 से अब तक वूमेन पावर हेल्प की टीम ने 16 लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए 643 शिकायतों को सूझबुझ के साथ निपटाया है। हालांकि, परिवारिक विवादों के मसलों पर वूमेन पावर लाइन ने ऑनलाइन फैमिली काउंसलिंग की शुरुआत साल 2020 में की थी। इसके बाद एक जनवरी 2022 से 30 जून 2022 तक 2405 मामलों में मनोचिकित्सकों द्वारा काउंसिलिंग कराई गई। प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में एन्टी ह्यूमन टै्रफिकिंग के तहत अभियान चलाकर कार्यवाही की जा रही है। अभियान के दौरान 103 बच्चों का रेस्क्यू किया गया।

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