अयोध्या : अपने ही बुने जाल में फंस रहा है अयोध्या विकास प्राधिकरण, सवालों के घेरे में आ रहे हैं जेई

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अयोध्या, अमृत विचार। अयोध्या-फैज़ाबाद में अवैध कालोनियां बसने बसाने के पीछे मोटी कमाई करने के फेर में अब अयोध्या विकास प्राधिकरण अपने ही बुने जाल में फंस रहा है। प्राधिकरण स्वीकार भी चुका है कि नगर में 40 अवैध कालोनियां अब तक चिह्नित की गई हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है इन कालोनियों को …

अयोध्या, अमृत विचार। अयोध्या-फैज़ाबाद में अवैध कालोनियां बसने बसाने के पीछे मोटी कमाई करने के फेर में अब अयोध्या विकास प्राधिकरण अपने ही बुने जाल में फंस रहा है। प्राधिकरण स्वीकार भी चुका है कि नगर में 40 अवैध कालोनियां अब तक चिह्नित की गई हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है इन कालोनियों को हरी झंडी किसने दी? प्राधिकरण के उन 13 जेई पर क्या कार्रवाई होगी, जिन्होंने 3 का 13 करते हुए शहर में इन कालोनियों को बसाने में हरी झंडी दे दी। मोटी मलाई काटने वाले ये अफसर अब भी जोड़ में तोड़ बिठाकर अवैध कालोनियां बसाने में जुटे हुए हैं, जिसकी बानगी दुर्गागंज मांझा में और महर्षि रामायण विद्यापीठ के सामने साफ तौर पर देखी जा सकती है।

अयोध्या विकास प्राधिकरण में कुल 13 जेई हैं, जो नगर में हो रहे निर्माणों पर नजर रखते हैं, लेकिन इनकी पारखी नजर से ये अवैध कालोनियां कैसे छूट गईं। ये वही अफसर हैं, जिन पर अवैध निर्माणों पर शिकंजा कसने का जिम्मा रहता है। चिह्नित 40 अवैध कालोनियों पर क्या कभी इनकी नजरें नहीं पड़ीं। ऐसे कई सारे सवाल है जो प्राधिकरण के 13 जेई को कठघरे में खड़ा करता है।

यहां बताना जरूरी है कि प्राधिकरण के इन 13 जेई में से 8 ऐसे हैं जो अयोध्या में रहते ही नहीं। वे अपने लखनऊ स्थित आवास से चार पहिया वाहन से प्रतिदिन अप-डाउन करते हैं। यहां सुबह 10 बजे पहुंचने के बाद बाइक लेकर सीधा अपने-अपने क्षेत्रों में चले जाते हैं। दिन भर ये सिर्फ अपने-अपने क्षेत्रों में यही देखते हैं कि कहां-कहां निर्माण हो रहा है।

ये निर्माण स्थल के पास गिरे बिल्डिंग मटेरियल को देखकर ही अंदाजा लगा लेते है की किस तरह का निर्माण हो रहा है। अवैध हुआ तो सेटिंग कर निकल लेते हैं। ऐसे ही सुबह से शाम तक क्षेत्रों में भ्रमण करने के बाद मोटा माल इकट्ठा कर 8 जेई अपने लग्जरी वाहनों में बैठकर दो घंटे में लखनऊ दाब देते हैं।

ये हैं 5 अहम सवाल
1-मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद कैसे ये 8 जेई अपने तैनाती स्थल को छोड़ रहे है?
2-जब जेई पर ही अवैध निर्माणों पर निगरानी की जिम्मेदारी है तो कैसे 40 अवैध कालोनियां बसा दी गईं?
3-विकास प्राधिकरण को अपने ही जेई पर सबसे पहले क्यों नहीं करनी चाहिए कार्रवाई?
4-जिनको कालोनियां काटने का अधिकार ही नहीं था उन्होंने कैसे बसा दी बड़ी आबादी?
5-विभाग में वर्षों से मलाई खा रहे अफसरों की उच्चाधिकारियों को भनक क्यों नहीं लगी?

बोले उपाध्यक्ष
अयोध्या विकास प्राधिकरण ने 40 अवैध कालोनियां चिह्नित की है। इसके पीछे जो भी दोषी होगा बक्शा नहीं जाएगा। विभाग की टीम जांच में जुटी हुई है। जांच में जिनके भी नाम सामने आएंगे उन पर एक्शन जरूर होगा।
– विशाल सिंह, उपाध्यक्ष, अयोध्या विकास प्रधिकरण

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