मुरादाबाद : जानलेवा हमले में चाचा-भतीजे समेत तीन को 10 साल की सजा, लगाया 23000 रुपये का जुर्माना
मुरादाबाद, अमृत विचार। अदालत ने जानलेवा हमले में तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसी मुकदमे के चौथे आरोपी की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। अदालत ने तीनों पर 23000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मामला कुंदरकी थाना क्षेत्र के गांव मिलक …
मुरादाबाद, अमृत विचार। अदालत ने जानलेवा हमले में तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसी मुकदमे के चौथे आरोपी की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। अदालत ने तीनों पर 23000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
मामला कुंदरकी थाना क्षेत्र के गांव मिलक बाहपुर का है। यहां रहने वाले कृपाल सिंह पुत्र प्रेम सिंह ने 28 जून 2012 को कुंदरकी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें उसने बताया कि 26 जून को जंगल में एक सियार मरा हुआ मिला था। मुरारी ने सियार को मारने का आरोप कृपाल सिंह आदि पर लगाते हुए वन विभाग में शिकायत की थी। इसका विरोध करने पर मुरारी झगडे़ पर उतर आया।
उस समय ग्रामीणों ने मामला शांत करा दिया था। मगर अगले दिन 28 जून की सुबह करीब साढ़े पांच बजे शौच के लिए जा रहे कृपाल और उसके भतीजे शिवकुमार को डोरी लाल पुत्र प्रहलाद, उसके भतीजे मोहन पुत्र पूरन, मुरारी और वीरपाल पुत्रगण रामलाल निवासी ने रोक लिया। आरोपियों ने उन्हें जमकर पीटा।
इस दौरान मुरारी ने जान से मारने की नीयत से फायर भी किया। गोली लगने से शिवकुमार घायल हो गया था। शोर-शराबे पर आए ग्रामीणों की मदद से शिवकुमार को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर चारों आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। इस मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या-9 रघुवर सिंह की अदालत में हुई।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नाहर सिंह त्यागी ने बताया कि बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि उन्हें झूठा फंसाया गया है। वादी मुकदमा और आरोपियों के बीच कृषि भूमि को लेकर विवाद था। सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए नाहर ने अदालत को बताया कि गांव के लोगों ने घटना की पुष्टि करते हुए आरोपियों के खिलाफ अदालत में गवाही दी है। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने और पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद आरोपी डोरी लाल, मुरारी और वीरपाल को 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। प्रत्येक पर 23000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
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