बरेली: कोविड छीन रहा था सांसें तब एमएमयू ने किया जिंदगी से खिलवाड़

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बरेली, अमृत विचार। करीब ढाई साल पहले जब कोविड ने दस्तक दी तो शासन ने लॉकडाउन लगा दिया। जिस कारण निजी अस्पतालों की सेवाओं पर भी ब्रेक लग गया, लेकिन सरकारी तंत्र मरीजों को सुविधाएं देने के लिए प्रयासरत था, लेकिन उससे जुड़ी मेडिकल मोबाइल यूनिट (एमएमयू) ने इस दौरान भी मरीजों की जान से …

बरेली, अमृत विचार। करीब ढाई साल पहले जब कोविड ने दस्तक दी तो शासन ने लॉकडाउन लगा दिया। जिस कारण निजी अस्पतालों की सेवाओं पर भी ब्रेक लग गया, लेकिन सरकारी तंत्र मरीजों को सुविधाएं देने के लिए प्रयासरत था, लेकिन उससे जुड़ी मेडिकल मोबाइल यूनिट (एमएमयू) ने इस दौरान भी मरीजों की जान से खिलवाड़ किया।

गुरुवार को सीएमओ कार्यालय के आरबीएसके के जिला समन्वयक के कक्ष के बराबर वाले कक्ष में जो एक्सपायर दवाओं का जखीरा मिला है, वह एमएमयू को मरीजों को वितरण करने के लिए दी गईं थीं। मरीजों को न देकर इन दवाओं को एक कमरे में कबाड़ में डाल दिया गया। जहां पड़े-पड़े वह एक्सपायर हो गईं। इन दवाओं के रैपर पर अगस्त माह और 2018 तिथि लिखी हुई है। इससे साफ है कि दवा कोविड की दस्तक से पहले ही एमएमयू को दे दी गई थीं।

तो ओपीडी के नाम पर हुई खानापूर्ति

विभागीय अधिकारियों के अनुसार जिले में तीन मेडिकल मोबाइल यूनिट संचालित हैं। ऐसे में एमएमयू को देहात के उन क्षेत्रों में ओपीडी करने की जिम्मेदारी दी गई है। अब एक्सपायर दवाओं का जखीरा मिलने से यह सवाल उठना लाजमी है कि एमएमयू की टीमें देहात क्षेत्र में नहीं जा रही हैं अगर टीमें गईं होती तो दवाएं एक्सपायर न होकर मरीजों को वितरित हो गई होतीं।

एमएमयू प्रभारी जांच के घेरे में

एक सप्ताह पूर्व भी आईडीएसपी यूनिट के बाहर एमएमयू को आवंटित कमरों में एक्सपायर दवाओं का जखीरा मिला था। सीएमओ ने जांच के आदेश देते हुए प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन अब दोबारा अनियमितता सामने पर एमएमयू प्रभारी फिर जांच के घेरे में हैं।

दवाओं का जखीरा मिलने के बाद सीएमओ ने लगाई फटकार

सीएमओ कार्यालय परिसर में शराब की बोतलें तो कभी एक्सपायर दवाओं का जखीरा मिल रहा है। इसपर शुक्रवार को सीएमओ ने कार्यालय के विभागों को निरीक्षण कर संबंधित प्रभारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि कार्यालय में किसी भी प्रकार की प्रतिबंधित सामग्री न रखी जाए। अनियमितता सामने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

दवाओं का वितरण क्यों नहीं किया गया। दवाएं कब से यहां रखी गई हैं। ओपीडी संबंधी सभी जानकारी के साक्ष्य प्रभारी से मांगे गए हैं। मामले की जांच कर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी।- डॉ. बलवीर सिंह, सीएमओ

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