पीलीभीत: मगरमच्छ ने महिला को दबोचा, गंभीर रूप से जख्मी
पीलीभीत, अमृत विचार। दो साल पहले प्रशासन ने जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया था। यह दावे किए गए थे कि ग्रामीण अंचलों में घर घर शौचालय मुहैया करा दिए। इन दावों की पोल नगरिया कालोनी में महिला पर मगरमच्छ की घटना के साथ खुल गई। घर पर शौचालय न होने से वह घर के …
पीलीभीत, अमृत विचार। दो साल पहले प्रशासन ने जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया था। यह दावे किए गए थे कि ग्रामीण अंचलों में घर घर शौचालय मुहैया करा दिए। इन दावों की पोल नगरिया कालोनी में महिला पर मगरमच्छ की घटना के साथ खुल गई। घर पर शौचालय न होने से वह घर के पास खुले में शौच गई थी। जहां पर मौत के मौत के मुंह में जाने से बाल बाल बच गई। गांव में बना सामुदायिक शौचालय भी घर से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर है और वह भी समय से नहीं खुलता है। घटना के बाद अब अधिकारी अपना बचाव करते दिखाई दे रहे हैं।
अमरिया क्षेत्र के नगरिया कॉलोनी गांव की रहने वाली सुचित्रा (32) पत्नी झोरु बरोही रविवार को शौच के लिए घर से पास में ही डबरी नदी के किनारे गई हुई थी। इसी बीच डबरी नदी में छुपे विशालकाय मगरमच्छ सुचित्रा को दबोच लिया। मगरमच्छ ने महिला के हाथ को बुरी तरह चबा डाला। गंभीर रूप से घायल महिला को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। इससे पहले भी 21 जुलाई को गांव के ही सुनील मंडल पर मगरमच्छ ने हमला किया था। स्वच्छ भारत मिशन के तहत शासन के आदेश पर ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर शौचालय का अभियान शुरू किया गया था। इसमें गांव गांव टीमों ने जाकर सर्वे किया और शौचालय बनवाए थे।
शासन स्तर से भी इसकी मानिटरिंग कराई जा रही थी। दो साल पहले प्रशासन ने जिले को भी ओडीएफ घोषित करार दे दिया था। इसके लिए पुरस्कार भी लोगों को दिए गए थे। प्रशासन के यह दावे आज धरातल पर लगभग सभी गांवों में पोल खोलते दिखाई दे रही है। इस घटना ने इस गांव के गरीबों के घरों पर बनाए गए शौचालयों की पोल को खोला तो अधिकारी भी अब अपने दावों को लेकर बचते दिखाई दे रहे हैं।
जिला ओडीएफ घोषित हो चुका है। ग्रामीण के यहां शौचालय नहीं है तो इसकी जानकारी नहीं है। गांव में सामुदायिक शौचालय भी बना है। किन्हीं कारणों से शौचालय नहीं बन सका तो इसकी जांच कराई जाएगी।- धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, सीडीओ
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