जानकर नहीं होगा यकीन…विशाल ग्रहों की भी हो सकती है चोरी!, जानें कैसे?
बब्लू चंद्रा/ नैनीताल, अमृत विचार। इस सृष्टि में कुछ भी संभव है, यहां तक कि ग्रह नक्षत्रों के बीच जबरदस्त मुठभेड़, टकराव और बिखराव आम बात है। हमें अंतरिक्ष की दुनिया में होने वाली हर घटना चौंकाती है और अब एक नए शोध ने सिद्ध कर दिखाया है कि अंतरिक्ष के महासागर में विशाल आकार …
बब्लू चंद्रा/ नैनीताल, अमृत विचार। इस सृष्टि में कुछ भी संभव है, यहां तक कि ग्रह नक्षत्रों के बीच जबरदस्त मुठभेड़, टकराव और बिखराव आम बात है। हमें अंतरिक्ष की दुनिया में होने वाली हर घटना चौंकाती है और अब एक नए शोध ने सिद्ध कर दिखाया है कि अंतरिक्ष के महासागर में विशाल आकार के ग्रह चुरा लिए जाते हैं।
शेफ़ील्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह खुलासा किया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि तारे बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों को चुरा सकते हैं। दूर अंतरिक्ष में तारों की नर्सरी में यह रिसर्च की गई। दरअसल इस नर्सरी में बेशुमार तारे हैं और ग्रहों को अपनी ओर खींचते रहते हैं और उन्हें अपने गिरफ्त में लेते रहते हैं। ग्रेविटी, वाष्पीकरण, विकिरण और गैसों के उत्सर्जन के कारण यह संभव है।
बी-स्टार एक्सोप्लैनेट एबंडेंस स्टडी (बीईएसटी) की हाल ही खोजा गया है। जिसकी यह तक पहुंचने के लिए रिसर्च की गई। इस रिसर्च से पता चला कि निर्माणाधीन बृहस्पति जैसे विशाल गैसीय ग्रहों को विशाल तारे अपनी ओर खींच लेते हैं या फिर उनका विकास रोक लेते हैं। यह किस तरह से संभव हो सकता है, इसे तारे व ग्रह के चित्र के माध्यम से समझाने का प्रयास किया गया है।
चित्र मे एक नीले विशाल तारे के चारों ओर दूर की कक्षा में एक गैस के विशाल ग्रह बृहस्पति के समान ग्रह को दिखाया गया है। जिसमें नजर आता है कि इस ग्रह के किसी अन्य तारे से पकड़े जाने या चोरी होने की संभावना है। इससे स्पष्ट होता है कि सभी तारे एक ही क्षेत्र के सदस्य हैं और उनसे उत्सर्जित होने वाली पराबैंगनी विकिरण ग्रहों का आकार बढ़ने से रोकता है।
शेफ़ील्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार बी-स्टार एक्सोप्लैनेट एबंडेंस स्टडी (बीईएसटी) बड़े सितारों से बड़ी दूरी पर यानी पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी का सैकड़ों गुना दूरी पर बृहस्पति जैसे ग्रह मौजूद हैं। इस रहस्य को लेकर बताया कि विशाल तारे बड़ी मात्रा में पराबैंगनी विकिरण उत्सर्जित करते हैं जो ग्रहों का आकार बढ़ने से रोकता है।
शोध से पता चला है कि तारकीय नर्सरी में सितारे अन्य सितारों से ग्रहों को चुरा सकते हैं, या जिसे हम कहते हैं उस पर कब्जा कर सकते हैं । इन नर्सरी में सूर्य जैसे सितारों की तुलना में बड़े तारों का अधिक प्रभाव होता है। जिससे पता चलता है कि विशाल तारे ग्रहों को अपनी पकड़ में ले सकते हैं या चुरा सकते हैं। जिसे ‘बीस्टीज’ कहा जाता हैं। यह अनिवार्य रूप से एक ग्रह चोरी है।
जिसे शोधकर्ताओं ने कंप्यूटर सिमुलेशन का उपयोग कर , इस दावे को सिद्ध किया है। यह शोध रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के मासिक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। ग्रहों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी के लिए इस तरह के शोध जरूरी है। क्योंकि हम खुद भी एक ग्रह के निवासी है। ग्रहों की दुनिया का हर सच हमें जानना बेहद जरूरी है।
