हल्द्वानी: नर्सेज बहनों! 72 दिन से वर्षवार नियुक्ति की लड़ाई लड़ रहे हैं भाई, अब तो हिम्मत बढ़ाने बुद्ध पार्क में आ जाओ
संजय पाठक, हल्द्वानी। गजब तमाशा है। अजब लोकतंत्र है। खुद को युवा सरकार कहने वालों के राज में अपनी जायज मांग को लेकर प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ 72 दिन से धरने पर बैठे हैं लेकिन कोई सुध लेने वाला ही नहीं। क्या सरकार और क्या सरकार के नुमाइंदे, सबने नर्सिंग स्टाफ से मुंह मोड़ लिया है। …
संजय पाठक, हल्द्वानी। गजब तमाशा है। अजब लोकतंत्र है। खुद को युवा सरकार कहने वालों के राज में अपनी जायज मांग को लेकर प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ 72 दिन से धरने पर बैठे हैं लेकिन कोई सुध लेने वाला ही नहीं। क्या सरकार और क्या सरकार के नुमाइंदे, सबने नर्सिंग स्टाफ से मुंह मोड़ लिया है।
आखिर एलिंग वेलफेयर नर्सेज फाउंडेशन के बैनर तले प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ ने ऐसा क्या मांग लिया कि सरकार इतनी पत्थर दिल बन गई, हर कोई बस यही सवाल पूछ रहा है। वह भी तब जब कई बार खुद स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत भी नर्सिंग की वर्षवार नियुक्ति को लेकर बयान कर चुके हैं। यही नहीं कई बार वह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी कर चुके हैं।
ऐसे में 72 दिनों के धरना प्रदर्शन के दौरान एक बार भी किसी भी सरकारी नुमाइंदे ने प्रदर्शनकारी युवाओं को सांत्वना देने तक की जहमत नहीं उठाई। बरसात और फिर ठंड के मौसम में भी दिन रात नर्सिंग स्टाफ एक अदद टैंट के नीचे प्रदर्शन करने को मजबूर हैं लेकिन कोई उनकी सुधलेवा नहीं है। सरकारी सिस्टम की मार तो छोड़िए नर्सिंग आंदोलनकारी को खुद उनके ही साथियों का साथ नहीं मिल पा रहा है।
मंगलवार को दो महिला नर्सिंग स्टाफ जब बुद्ध पार्क में नर्सिंग स्टाफ को समर्थन देने पहुंची तो एलिंग वेलफेयर नर्सेज फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष बबलू का दर्द झलक उठा। बबलू ने कहा कि नर्सिंग के प्रोफेशन में महिलाओं के लिए 80 प्रतिशत और पुरुषों के लिए 20 प्रतिशत पद हैं, इसके बावजूद नर्सिंग आंदोलन में महिलाओं की उपस्थिति न के बराबर है जो कि बड़े दुख और शर्म की बात है। उन्होंने 2621 पदों पर वर्षवार स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन में महिला नर्सेज से भी बढ़चढ़कर आगे आने की अपील की है।
बबलू ने कहा कि मातृशक्ति अपने संघर्षों के दम पर अलग राज्य उत्तराखंड की सौगात देने का सामर्थ्य रखती है, ऐसे में अगर इस आंदोलन को भी मातृशक्ति का साथ मिलेगा तो निश्चित ही हमारी जायज मांग के सामने धामी सरकार को झुकना पड़ेगा और हम सबको खुशियों के त्योहार दीवाली पर अपने सुरक्षित भविष्य का उपहार मिल सकेगा। इस मौके पर तनुजा आर्या, सुषमा सेन, भगवती प्रसाद, मुकेश लसपाल, युवा पहाड़ी कार्तिक उपाध्याय आदि मौजूद रहे।
