मथुरा: पर्व की वृंदावन में धूम, निराश्रित महिलाओं ने ऐसे मनाया दीपोत्सव

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अमृत विचार, वृंदावन। वैधव्य का दंश झेल रही निराश्रित महिलाओं के लिए दीपमालिका पर्व खुशियों की सौगात लेकर आया है। उन्हे समाज के साथ कदमताल करने का मौका मिला है सामाजिक संस्था सुलभ इंटरनेशनल की सार्थक पहल से, यमुना के प्राचीन केशीघाट पर संस्था द्वारा सैकड़ों निराश्रित महिलाओ के साथ दीपोत्सव का पर्व मनाया गया। …

अमृत विचार, वृंदावन। वैधव्य का दंश झेल रही निराश्रित महिलाओं के लिए दीपमालिका पर्व खुशियों की सौगात लेकर आया है। उन्हे समाज के साथ कदमताल करने का मौका मिला है सामाजिक संस्था सुलभ इंटरनेशनल की सार्थक पहल से, यमुना के प्राचीन केशीघाट पर संस्था द्वारा सैकड़ों निराश्रित महिलाओ के साथ दीपोत्सव का पर्व मनाया गया। रूढ़िवादी परंपराओं के चलते हमारे समाज में हीनता की शिकार विधवा महिलाओं को सम्मान की दृष्टि से नही देखा जाता है।

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खासतौर पर वो महिलाएं जिनके अपनो ने वैधव्य या वृद्धावस्था के कारण जीवन की खुशियों से वंचित कर दिया है। ऐसी हजारों निराश्रित महिलाओ ने कृष्ण भक्ति को अपना सर्वस्व सौंपते हुए कान्हा की नगरी को ही अपना आशियाना बना रखा है। लेकिन यह महिलाएं अब भी मूलभूत सुविधाओं के साथ जीवन की खुशियों से महरूम हैं।

देश की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इन महिलाओं की स्थिति पर संज्ञान लेने के बाद सामाजिक संस्था सुलभ इंटरनेशनल ने इन महिलाओं को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की पहल शुरू की। संस्था द्वारा चाहे रंगो का पर्व हो या दीपोत्सव, इन महिलाओं के साथ हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

महिलाएं भी इन खुशियों के रंग में जमकर सराबोर हो जाती है। कुछ ऐसा ही नजारा यमुना के प्राचीन केशीघाट पर दिखाई दिया। जहां जीवन की अंतिम दहलीज पर खड़ी वृद्ध महिलाएं भी झूमती दिखाई दी।

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