सहकारी संघवाद अच्छा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को राज्यों के गृह मंत्रियों के ‘चिंतन शिविर’ में आंतरिक सुरक्षा के लिए सभी राज्यों से एक साथ मिलकर काम करने पर जोर देते हुए कहा कि कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध विकास से है। शांति बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों से आजादी …

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को राज्यों के गृह मंत्रियों के ‘चिंतन शिविर’ में आंतरिक सुरक्षा के लिए सभी राज्यों से एक साथ मिलकर काम करने पर जोर देते हुए कहा कि कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध विकास से है। शांति बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों से आजादी से पहले बनाए कानूनों की समीक्षा करने तथा मौजूदा संदर्भ में उनमें संशोधन करने के लिए भी कहा। कानून-व्यवस्था अब एक राज्य तक सीमित नहीं है। अपराध अंतर्राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय हो रहा है। प्रौद्योगिकी के साथ, अपराधियों के पास अब राज्यों में अपराध करने की शक्ति है। सीमा से परे अपराधी तकनीक का दुरुपयोग कर रहे हैं। शिविर का उद्देश्य ‘विजन 2047’ और ‘पंच प्रण’ पर अमल के लिए एक कार्य योजना बनाना है।

उन्होंने कहा यह चिंतन शिविर सहकारी संघवाद का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। वास्तव में सहकारी संघवाद एक ऐसी अवधारणा है जिसमें केंद्र और राज्य एक संबंध स्थापित करते हुए एक दूसरे के सहयोग से अपनी समस्याओं का समाधान करते हैं। भारतीय संविधान का संघीय चरित्र इसकी प्रमुख विशेषताओं में से एक है। वर्तमान में भारत का आर्थिक विकास सहकारी संघवाद पर टिका हुआ है।

सहकारी संघवाद एक अच्छी स्थिति है जिसमें केंद्र और राज्य एक साथ मिलकर, अपनी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर, नीति और प्रशासनिक संबंधी व्यवस्थाओं में एकरूपता स्थापित करने का प्रयास करती है और केंद्र और राज्य एवं राज्य और राज्य के मध्य जो खाई होती है, उसे पाटने का काम करती है। इस नजरिए से देखें तो सहकारी संघवाद की अवधारणा भारत में एकता, अखंडता और बंधुत्व बढ़ाने के लिहाज़ से बहुत ही उपयुक्त प्रतीत होती है लेकिन ऐसे कई मौके आए हैं जब राज्यों और केंद्र के बीच मतभेद पैदा हुए लेकिन उन्हें हल कर लिया गया।

वहीं अगर उन राज्यों को देखें जिसमें भाजपा की सरकार नहीं है तो वहां पर एक प्रतियोगिता का भाव दिख सकता है। चिंतन शिविर में गैर भाजपा शासित पांच राज्यों के प्रमुखों ने दूरी बनाकर रखी है यानी कि प्रतियोगी संघवाद का रूप दिखता है। ध्यान रहे जब तक देश में केंद्र और राज्य साथ मिलकर कार्य नहीं करेंगे, विजन 2047 का लक्ष्य हासिल कर पाना मुश्किल होगा। केंद्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी राज्यों की चिंताएं हल हों। आवश्यक है कि देश में संघवाद के समक्ष मौजूद चुनौतियों को दूर किया जाए ताकि देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में राज्यों की अधिक भूमिका को सुनिश्चित किया जा सके।