डेंगू का डंक : रोजाना एक लाख की बिक रही कीवी, 150 लीटर बकरी का दूध

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

अमृत विचार, अयोध्या। जनपद में डेंगू लगातार अपना कहर बरपा रहा है। सरकारी ही नहीं निजी चिकित्सालयों में भी डेंगू मरीजों की कतार लगी हुई है। प्लेटलेट्स बढ़ाने की जद्दोजहद में मरीज दवाओं के साथ देसी नुस्खा भी अपना रहे हैं, जिससे कीवी फल, नारियल का पानी और बकरी के दूध की मांग बढ़ गई …

अमृत विचार, अयोध्या। जनपद में डेंगू लगातार अपना कहर बरपा रहा है। सरकारी ही नहीं निजी चिकित्सालयों में भी डेंगू मरीजों की कतार लगी हुई है। प्लेटलेट्स बढ़ाने की जद्दोजहद में मरीज दवाओं के साथ देसी नुस्खा भी अपना रहे हैं, जिससे कीवी फल, नारियल का पानी और बकरी के दूध की मांग बढ़ गई है। इन सभी के दामों में भारी उछाल आ गया है। आलम यह है कि जनपद में प्रतिदिन एक लाख रुपये तक की कीवी बिक जा रही है। 59400 रुपये का तकरीबन 150 लीटर बकरी का दूध व 47520 रुपये के पानी वाले नारियल बिक जा रहे हैं। लोग कच्चा पपीता और उसके पत्ते ढूंढते दिखाई दे रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक जिले में 594 डेंगू के मरीज सामने आए हैं, जिनमें 150 मरीज ठीक हो चुके हैं। निजी अस्पतालों में भी मरीज भर्ती हो रहे हैं। इन्हीं आंकड़ों को लेकर अमृत विचार ने शहर के कुछ खास फल वालों व दूध मंडी में भाव को लेकर पड़ताल की, जिसके बाद कीवी फल, बकरी के दूध व नारियल की खपत और उसके संभावित मूल्य का पता चल सका।

आम दिनों में 100 रुपये में चार बिकने वाला कीवी फल 160 का बिक रहा है। नारियल का पानी 70-80 रुपये में, बकरी का दूध 100 रुपये पाव बिक रहा है। फल विक्रेता का मानना है कि थोक में 800 रुपया डिब्बा मिलने वाला कीवी फल आज 1100 रुपया डिब्बा मिल रहा है। नारियल 60-70 रुपया में खरीदा जा रहा है। वहीं बकरी का दूध बेच रही एक महिला ने बताया कि इस समय लगभग 100 रुपये पाव बिक रहा है। उसने बताया कि केवल उसी के यहां से ही प्रतिदिन 15 से 20 लोग बकरी का दूध ले रहे हैं।

अमानीगंज निवासी एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस समय पपीते की पत्ती लेने के लिए लोग लगातार आ रहे हैं। दवा के बाबत लोगों को पपीता भी उपलब्ध कराया जा रहा है। एसीएमओ व नोडल अधिकारी डॉ. अंसार अली ने बताया कि अब तक जिले में अब तक 594 डेंगू के मरीज सामने आए हैं, जिनमें 150 मरीज ठीक हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि कुल 594 डेंगू के मरीजों में 253 मामले शहर में, 237 मामले ग्रामीण में व 53 केस दूसरे जनपदों के हैं।

पछले डेढ़ महीने में जिला अस्पताल में आए 76 मरीज

आसपास के जिलों में सबसे पुराने जिला चिकित्सालय में भी लगातार डेंगू के मरीज भर्ती हो रहे हैं और उनका उपचार भी हो रहा है। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. सीबीएन त्रिपाठी ने बताया कि पिछले एक-डेढ़ महीने में कुल 76 डेंगू के मरीज भर्ती हुए हैं। वर्तमान में कुल 9 मरीज भर्ती हैं, जिनका उपचार चल रहा है, बाकी मरीज ठीक होकर जा चुके हैं।

बुखार से संबंधित मरीजों की संख्या भी ओपीडी में बढ़ गई है। शनिवार को कुल 400 से 500 बुखार से पीड़ित मरीजों की ओपीडी हुई थी। उन्होंने बताया कि सभी का जांच भी कराया जा रहा है। वहीं डेंगू के जांच के बाबत उन्होंने कहा कि एलाइजा जांच के बाद ही डेंगू की पुष्टि हो सकती है, सिर्फ प्लेटलेट्स का कम होना डेंगू की पुष्टि नहीं करता है। आम तौर पर बुखार होने पर भी प्लेटलेट्स कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि यदि बुखार है तो डेंगू के पुष्टि के लिए एलाइजा जांच जरूर कराएं।

स्वास्थ्य विभाग की 9 टीमें कर ही छिड़काव

मच्छर जनित रोगों पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने दवा छिड़काव कराने का दावा किया है। एसीएमओ डॉ. अंसार अली ने बताया कि स्वास्थ्य की कुल 9 टीमें लगी है, जो शहर से लेकर गांवों में लगातार छिड़काव का काम रही है। उन्होंने बताया कि खुली आबादी ने ज्यादा खतरा नहीं हैं, लेकिन जहां घनी आबादी है, वहां ज्यादा खतरा है।

रोज 80 नारियल बेच रहा

चौक फल विक्रेता आफताब ने बताया डेंगू के कारण इस समय कीवी फल व नारियल की मांग बढ़ गई है। आज कीवी फल 160 रुपये का चार व 70-80 रुपया प्रति नारियल बेचा जा रहा है। प्रतिदिन दो डिब्बा कीवी फल व 70-80 नारियल बिक रहा है। वहीं दूध विक्रेता गुड़िया बताती हैं कि बकरी के दूध की मांग बढ़ी है। प्रतिदिन 15-20 लोग बकरी का दूध लेने के लिए आ रहे हैं। वैसे तो मार्केट में बकरी के दूध का दाम 400 रुपया प्रति लीटर है, लेकिन जरूरत मंदों को कम दाम में भी बकरी का दूध उपलब्ध कराया जा रहा है।

60 से 70 हजार की डेली बिक रही डोलो

केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अवि आनंद बताते हैं कि एक अनुमान के अनुसार रोजाना करीब 60 से 70 हजार रुपये की बुखार के लिए प्रयोग की जाने वाली डोलो बिक जा रही है। डेंगू के बढ़ते प्रकोप के कारण इसकी बिक्री में अक्टूबर से वृद्धि हुई है। यदि प्रकोप बढ़ा तो बिक्री में बढ़ोतरी होगी।

  • सीएमएस और आयुर्वेद वैद्य के अलग-अलग तर्क

बकरी का दूध बहुत ही लाभदायक

आयुर्वेदिक वैद्य डॉ. आरपी पांडे ने बताया कि, आयुर्वेदिक पद्धति के अनुसार डेंगू के मरीजों के लिए कीवी फल, पपीते की पत्ती, नारियल का पानी व बकरी का दूध का लाभदायक होता है। डेंगू के मरीज को बकरी का दूध सुबह शाम, इसके अलावा कीवी, नारियल पानी, ग्लूकोज आदि लिक्विड बार-बार देना चाहिए। पपीते की पत्ती शहद के साथ देने से प्लेटलेट्स काउंट में ज्यादा तेजी बढ़ोतरी होती है।

मेडिकल साइंस नहीं मानता

जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. सीबीएन त्रिपाठी बताते कहते हैं कि देखिए, मेडिकल साइंस कीवी, बकरी के दूध को डेंगू में फायदेमंद नहीं मानता। हालांकि लोग खरीद रहे हैं। दूध भी पी रहे हैं, लेकिन मेरा सुझाव है कि ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। तरल पदार्थों का ही सेवन करें। मुझे भी पिछले वर्ष डेंगू हुआ था, लेकिन मैंने इन सब नुस्खों का प्रयोग नहीं किया। लोगों को इस समय फुल बांह के कपड़े पहनने चाहिए, ताकि डेंगू के प्रकोप से बचा जा सके।

यह भी पढ़ें:- डेंगू का डंक : बीकापुर में एक की मौत, सोहावल में 11 मरीज मिले

संबंधित समाचार