बीबीएयू कार्यशाला: ब्रिटिश शासन में भारतीय मजदूरों से गन्ने की खेती करवाते थे अंग्रेज
अमृत विचार लखनऊ। राजधानी के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में अमृत महोत्सव लेक्चर सिरीज के तहत कार्यशाला सोमवार को आयोजित हुई। बीबीएयू के समाजशास्त्र विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला में बरकतुल्ला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर आईएस चौहान ने “फिजी में उत्तर प्रदेश के भरतवंशी” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने ब्रिटिश …
अमृत विचार लखनऊ। राजधानी के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में अमृत महोत्सव लेक्चर सिरीज के तहत कार्यशाला सोमवार को आयोजित हुई। बीबीएयू के समाजशास्त्र विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला में बरकतुल्ला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर आईएस चौहान ने “फिजी में उत्तर प्रदेश के भरतवंशी” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने ब्रिटिश काल के दौरान फिजी में भारत से ले गए मजदूरों के जीवन की स्थिति पर चर्चा की।
उन्होंने बताया कि ब्रिटिश शासन द्वारा भारत से मजदूरी के लिए ले गए लोगों से वहां गन्ने की खेती करवाई जाती थी। उस दौरान भारतीय बहुत दयनीय स्थिति में वहां जीवन यापन कर रहे थे। धीरे धीरे भारतीयों ने अपनी स्थिति में सुधार के लिए अपनो अलग खेती शुरू की, शैक्षिक कार्य भी अपने स्तर पर शुरू किए। दूसरे विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश शासन ने जब फिजी से अपनी कॉलोनियल व्यवस्था को खत्म किया तब फिजी में भारतीयों की जनसंख्या लगभग 53 प्रतिशत तक हो गई।
उन्होंने कहा भारतीयों ने विषम परिस्थितियों में रहकर भी वहां खुद को मजबूती के साथ स्थापित किया। न सिर्फ पुरुष बल्कि महिलाओं ने भी वहां उच्च स्तर पर प्रशानिक कार्यों के लिए अपनी जगह बनाई। इस मौके पर उपस्थित समाज समाज शास्त्र विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर जया श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों को आज के वक्तव्य से जुड़ा एक प्रोजेक्ट भी तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि विद्यार्थी विश्व के अन्य हिस्सों में बसे भारतीयों की स्थिति को गंभीरता से समझ सके।
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