काशीपुर: समिति में गहराया एमपी खाद का संकट

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काशीपुर, अमृत विचार। रबी की फसल की बुआई में प्रयुक्त होने वाली एमपी खाद का केंद्र पर संकट गहरा गया है। डिमांड करने के एक सप्ताह बाद भी खाद नहीं पहुंच सकी। जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसान केंद्र के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं। दरअसल, किसान सेवा सहकारी समिति …

काशीपुर, अमृत विचार। रबी की फसल की बुआई में प्रयुक्त होने वाली एमपी खाद का केंद्र पर संकट गहरा गया है। डिमांड करने के एक सप्ताह बाद भी खाद नहीं पहुंच सकी। जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसान केंद्र के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं।

दरअसल, किसान सेवा सहकारी समिति की करीब 40 समितियां पंजीकृत हैं, जहां पर किसानों को खाद मुहैया होता है। पुरानी दुर्गा अनाज मंडी स्थित किसान सेवा सहकारी समिति में दीपावली के दिन एमपी खाद के 1400 कट्टे पहुंचे थे, जो किसानों को वितरित किए जा चुके हैं। करीब एक सप्ताह से एमपी खाद समाप्त हो चुका है।

वर्तमान में रबी की फसल की बुआई चल रही है, लेकिन खाद समाप्त होने से फसल बुआई में देरी होने लगी है। सोमवार को सुबह से ही किसान केंद्र पहुंचकर खाद के बारे में पूछकर लौट गए। किसानों का आरोप है कि समितियों के हर केंद्र पर एमपी खाद मिल रहा है, लेकिन इसी केंद्र पर एमपी खाद उपलब्ध नहीं है।

समिति केंद्र प्रभारी हरक सिंह ने बताया कि केंद्र में करीब 6000 किसान पंजीकृत है। जिनको समय-समय पर खाद वितरित किया जाता है। काशीपुर क्षेत्र में 40 से अधिक समितियां हैं। इस केंद्र में एमपी खाद समाप्त हो चुका है। क्योंकि उन समितियों पर चेक द्वारा खाद दिया जाता है। 200 टन एमपी खाद की डिमांड की गई है। केंद्र में डीएपी खाद उपलब्ध है। जिसकी कीमत एमपी से भी कम है। एमपी के एक कट्टे की कीमत करीब 1470 रुपये है, जबकि डीएपी के एक कट्टे की कीमत 1350 रुपये हैं। डीएपी के मात्र 200 कट्टे और यूरिया के 26650 कट्टे गोदाम में शेष हैं। उन्होंने बताया कि एमपी खाद कांडला गुजरात से आता है।