मार्गशीर्ष मास में इस दिन है मासिक शिवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Amrit Vichar Network
Published By Himanshu Bhakuni
On

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की मासिक शिवरात्रि के दिन शोभन और सौभाग्य योग का बेजोड़ संयोग बन रहा है। मान्यता है कि योग में पूजा करने से भक्तों को उनका मनसः वरदान मिलता है। साथ ही अखंड  सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

Masik Shivratri: भगवान शिव का मासिक शिवरात्रि व्रत। यह व्रत रखने पर भगवान शंकर अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं और उन्हें मनचाहा आशीर्वाद देते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, मासिक शिवरात्रि शिव जी की की प्रिय तिथि है। जो हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ती है। इस बार मासिक शिवरात्रि का व्रत 22 नवंबर 2022 को रखा जाएगा। मास शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर को बेलपत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग चढ़ाने के बाद शिव मंत्र का जप किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है और जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान भी निकलता है। 

महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की मासिक शिवरात्रि के दिन शोभन और सौभाग्य योग का बेजोड़ संयोग बन रहा है। मान्यता है कि योग में पूजा करने से भक्तों को उनका मनसः वरदान मिलता है। साथ ही अखंड  सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 22 नवंबर 2022 को सुबह 08 बजकर 49 मिनट से है। चतुर्दशी तिथि का समापन 23 नवंबर 2022 को सुबह 06 बजकर 53 मिनट पर होगा। तो वहीँ शिवजी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त - रात 11 बजकर 47 तक और सुबह 12 बजकर 40 मिनट तक।

पूजा विधि
इस दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान कर लें। स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहने। पूजा स्थल पर शिवजी, माता पार्वती, गणेश और कार्तिकेय सहित नंदी की स्थापना करें। शिवलिंग पर दूध और गंगाजल आदि से अभिषेक करें। फिर सभी को पंचामृत से स्नान कराएं। बेलपत्र, फल, फूल, धूप और दीप, नैवेद्य और इत्र भगवान को चढ़ाएं। इसके बाद शिव पुराण, शिव चालीसा, शिवाष्टक, शिव मंत्र और शिव आरती करें।

ये भी पढ़ें : 21 नवंबर को मार्गशीर्ष माह का सोम प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व