काशीपुर: ब्रेसिका केरीनाटा पीसी का फसल उगाने वाला देश का पहला मॉडल बना काशीपुर

Amrit Vichar Network
Published By Babita Patwal
On

काशीपुर, अमृत विचार। बायो डीजल ऊर्जा का एक नया विकल्प बनकर उभरा है। बायो डीजल के निर्माण में प्रयोग हो रहे अपशिष्ठ तेल व अखाद्य फसलों में एक और वृद्धि हुई है। ब्रेसिका केरीनाटा पीसी6 (काली सरसों) की फसल तैयार करने पर देश में उत्तराखंड का काशीपुर पहला मॉडल बन गया है।

सीएसआईआर आईआईपी देहरादून के वैज्ञानिकों ने पंजाब कृषि विवि के सहयोग से ब्रेसिका केरीनाटा पीसी6 (काली सरसों) की फसल तैयार की है, जिससे बायो डीजल बनाया जा सकता है। पिछले सप्ताह 11 से 13 नवंबर के बीच काशीपुर के सत्येंद्र चंद्र गुड़िया आईएमटी परिसर के तीन एकड़ में फसल को लगाया गया है। पंजाब विवि के प्रोफेसर डॉ. सरदाना के निर्देशन में फसल को तैयार किया जा रहा है। तीन से चार महीने में फसल तैयार होने का अनुमान है। इसके बाद फसल से पर्याप्त मात्रा में तेल निकाला जा सकता है।

सीएसआईआर आईआईपी के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. नीरज आत्रेय ने बताया कि इस फसल से न केवल बायो डीजल बनेगा, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जयति द्विवेदी ने बताया कि ब्रेसिका केरीनाटा के बीज में 30 से 40 प्रतिशत तक तेल मौजूद रहता है। इसमें एक हेक्टेयर में एक टन तेल का उत्पादन किए जाने की संभावना है। इस पेटेंट प्रक्रिया द्वारा इस तेल से बायो डीजल बनाया जाएगा। विधायक त्रिलोक सिंह चीमा ने भी क्षेत्र में बायो डीजल यूनिट के लिए सहयोग करने का आश्वासन दिया है। वहां पर सीएसआईआर आईआईपी निदेशक डॉ. अंजन रे, आईएमटी निदेशक पीके बक्शी, शोधकर्ता अमन कुमार भौंसले, नेहा रावत, मनीष आदि मौजूद रहे।

संबंधित समाचार