हल्द्वानी: 111 कन्याओं के सामूहिक विवाह में नाबालिग का नाम

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Published By Babita Patwal
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हल्द्वानी, अमृत विचार। हरिशरणम् जन द्वारा कराया जा रहा सामूहिक विवाह कार्यक्रम एक बड़े विवाद से घिर गया है। मामला एक नाबालिग के विवाह पंजीकरण से जुड़ा है। मामला सामने आया तो पुलिस-प्रशासन के हाथ पैर फूल गए। इसके बाद मामले की लीपा-पोती शुरू कर दी गई। 

बता दें कि आगामी 19 नवंबर को हरिशरणम् जन संस्था द्वारा 111 युवतियों के सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किया जाना है और इसको लेकर युवतियों का पंजीकरण भी हो चुका है। सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपे शिकायती पत्र में पूर्व पार्षद प्रेमा जोशी ने कहा है कि हरिशरणम् जन द्वारा हो रहे सामूहिक विवाह कार्यक्रम में एक नाबालिग कन्या का नाम भी है।

यह कन्या बद्रीपुरा पाठशाला में 7वीं कक्षा की छात्रा है। पूर्व में यह 5वीं कक्षा तक की शिक्षा कुल्यालपुरा में ग्रहण कर चुकी है और गली नंबर 8 तल्ली बमौरी में निवासरत है। स्कूल सर्टिफिकेट में इसकी जन्मतिथि 27 दिसम्बर 2007 दर्ज है। उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट से इस मामले की गहनता से जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की। इस मामले में सिटी मजिस्ट्रेट की जांच में यह मामला सही पाया गया है। हालांकि पुलिस या प्रशासन द्वारा इस मामले में संस्था के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। 

बाकी बचे 110 रजिस्ट्रेशन का क्या!
हल्द्वानी। विवाह पंजीकरण में नाबालिग का नाम सामने आने के बाद अब बाकी बचे सभी 110 पंजीकरण पर सवाल उठने लाजिमी हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि बाकी बचे अन्य रजिस्ट्रेशन में भी क्या कोई नाबालिग है। इसके अतिरिक्त संस्था पर भी इसलिए सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर कैसे बिना जांचे-परखे एक नाबालिग का शादी के लिए पंजीकरण कर लिया गया। 

नाबालिग ने दर्ज कराया था केस
हल्द्वानी। पूर्व पार्षद ने बताया जा रहा है कि इस नाबालिग की ओर से एक युवक के खिलाफ पॉस्को एक्ट का केस दर्ज कराया गया है। यह मामला भी अभी न्यायालय में विचाराधीन है। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने हरिशरणम् जन के विवाह रजिस्ट्रेशन से नाबालिग का नाम हटवा दिया है। सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देने वालो में भगवती, पूनम आरती, रजनी, मोहन मटयाली, टीका राम पांडे आदि थे। 

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