बरेली: हाई कोर्ट ने तीन महीने में लंबित मामले का निपटारा करने का दिया आदेश

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Published By Vishal Singh
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने धोखा और जालसाजी करके अनधिकृत स्टांप की बिक्री को लेकर दर्ज मामले को आगामी तीन महीने में

बरेली, अमृत विचार। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने धोखा और जालसाजी करके अनधिकृत स्टांप की बिक्री को लेकर दर्ज मामले को आगामी तीन महीने में विधि सम्मत निर्णय पारित करने का निचली अदालत को आदेश दिया है।

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यह आदेश न्यायमूर्ति डा. गौतम चौधरी की एकल पीठ ने सुपर सिटी रेजिडेंसियल वेलफेयर सोसाइटी के महासचिव सुभाष चंद्र झा द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका के अनुसार याची के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता और भारतीय स्टांप अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत थाना बारादरी में मुकदमा दर्ज किया गया था।

उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट अधिनियम 2010 की धारा 25 के तहत भी उसे दोषी पाया गया था। बहस के दौरान याची के अधिवक्ता ने न्यायालय को तथ्यों से अवगत कराते हुए बताया कि 29 मार्च 2022 से एक प्रोटेस्ट पिटीशन निचली अदालत में लंबित है, जिसका निस्तारण आज तक नहीं हो पाया है।

अंत में अदालत ने कहा कि वर्तमान मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना, निचली अदालत को यह आदेश दिया जाता है कि वह उपरोक्त मामले को कानून के अनुसार तय करे। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि किसी भी पक्ष को कोई अनावश्यक स्थगन दिए बिना यथाशीघ्र लंबित मामले को तीन माह में निपटाया जाए। उक्त टिप्पणी के साथ अदालत ने याचिका को निस्तारित कर दिया । इस प्रकरण में अरविंदर सिंह, रमनदीप सिंह, हरप्रीत सिंह और गुरुप्रीत के विरुद्ध बारादरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

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