बांदा : श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह में श्रद्धालुओं ने की पुष्पवर्षा

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Published By Vinay Shukla
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अमृत विचार, बांदा/ तिन्दवारी । श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह ,सुदामा चरित्र परीक्षित मोक्ष का कथावाचक द्वारा सुंदर वर्णन किया गया।श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह को एकाग्रता से सुनकर श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। श्रद्धालुओं ने विवाह के मंगल गीत गाए। 

कस्बे में चल रही निर्वाना कन्सल्टेंट्स एन्ड इंजीनियर्स,सिद्ध विनायक ट्रेडर्स ,राहुल ब्रदर्स द्वारा आयोजित कथा परीक्षित के रूप में नगर व्यवसायी परमात्मादीन गुप्ता ,राजकुमारी गुप्ता एवं गुप्ता परिवार ने दीप प्रज्जवलित किया।

कथावाचक पं श्याम नारायणाचार्य  ने बताया कि देवी रुक्मणी विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और साक्षात लक्ष्मी जी का अवतार थी। रुक्मणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो उसने मन ही मन श्रीकृष्ण से विवाह करने का निश्चय किया। 

रुक्मणी का बड़ा भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह चेदिनरेश राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहता था। रुक्मणी को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने एक ब्राह्मण संदेशवाहक द्वारा श्रीकृष्ण के पास अपना परिणय संदेश भिजवाया। तब श्रीकृष्ण विदर्भ देश की नगरी कुंडीनपुर पहुंचे और वहां बारात लेकर आए शिशुपाल व उसके मित्र राजाओं शाल्व, जरासंध, दंतवक्त्र, विदु रथ और पौंडरक को युद्ध में परास्त करके रुक्मणी का उनकी इच्छा से हरण कर लाए।

 वे द्वारिकापुरी आ ही रहे थे कि उनका मार्ग रुक्मी ने रोक लिया और कृष्ण को युद्ध के लिए ललकारा। तब युद्ध में श्रीकृष्ण व बलराम ने रुक्मी को पराजित करके दंडित किया। कथावाचक ने श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र का भी वर्णन ,श्रद्धालु श्रोताओं को विस्तार पूर्वक सुनाया।

इस अवसर पर रोहित गुप्ता, राहुल गुप्ता व्यापार मंडल अध्यक्ष, भाजप नेता कैलाशचंद्र शिवहरे ,प्रशांत गुप्ता, वेद प्रकाश गुप्ता, विनोद गुप्ता, योगेश, अभिषेक, हर्ष, मानस, अक्षत, अथर्व, अर्चित सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोता उपस्थित रहीं।

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