अमृत विचार पड़ताल: देर से आना जल्दी जाना, ऐ साहब ये ठीक नहीं..

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Published By Deepak Mishra
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रियलिटी चेक में फेल हुए अयोध्या के कई सरकारी विभाग

गुरुवार को अमृत विचार ने प्रात: 10:15 से 12 बजे तक कई सरकारी कार्यालयों का जायजा लिया। पेश है आंखों देखी तस्वीर और रिपोर्ट...

अमृत विचार, अयोध्या। शासन का सीधा आदेश है अफसर प्रात: दस से 12 बजे तक अपने कार्यकाल में जरूर बैठें। नियत समय पर कार्यालय खुले और अफसर व कर्मचारी अपने-अपने कार्यालय में उपस्थित रहें। बीते दिवस तो शासन ने प्रात: साढ़े नौ बजे से कार्यालयों में उपस्थिति का निर्देश दिया था, लेकिन मंडल मुख्यालय का तो गजब हाल है।

इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है ब्लाकों और तहसीलों के दफ्तर में उपस्थिति का क्या आलम होगा। गुरुवार को अमृत विचार ने प्रात: 10:15 से 12 बजे तक कई सरकारी कार्यालयों का जायजा लिया। पेश है आंखों देखी तस्वीर और रिपोर्ट...

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1-जिला पूर्ति कार्यालय, प्रात: 10:30 बजे
जिला पूर्ति कार्यालय का ताला बंद दिखा। कर्मचारी और अधिकारी तो दूर कोई चतुर्थ श्रेणी कर्मी तक नहीं दिखा। पता चला कि विभाग के लोग कालोनी के मुख्य प्रवेश द्वार पर स्थित एक पान की दुकान पर चाभी देकर जाते हैं। दुकानदार ने बताया शायद घोषित छुट्टी के फेर में साढ़े दस बजे तक कोई चाभी लेने नहीं आया। 

2-पेंशन दफ्तर, प्रात: 10:50 बजे
तहसील सदर के बगल अपर निदेशक कोषागार व पेंशन कार्यालय। यहां भी ताला बंद मिला, जबकि चंद कदम दूर तहसील खुली मिली। हालांकि साढ़े ग्यारह बजे इस आफिस का गेट खुला दिखा। 

3- जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय, प्रात: 11 बजे 
यहां बीएसए तो नहीं बैठे मिले, लेकिन जब अमृत विचार टीम पहुंची तो धूप में टहल रहे लिपिक कैमरा देख अपने कार्यकाल में दाखिल हुए। बीएसए स्टेनों ने बताया कि साहब और अन्य कर्मी अभी आ रहे हैं जबकि बगल स्थित एडी बेसिक के दफ्तर में पूरी तरह सन्नाटा मिला। यहां बताया गया आज साहब विजिट पर हैं।

4-अयोध्या विकास प्राधिकरण, प्रात: 11:15 बजे..
उपाध्यक्ष से लेकर सचिव और नगर नियोजक तक कार्यालय में नहीं मिले। वित्त एवं लेखाधिकारी और एई की भी कुर्सी खाली मिली। चपरासी ने बताया मुख्यमंत्री आ रहे हैं तो सभी अधिकारी तैयारी में लगे हैं। जबकि यहां रोज का यही हाल है। 

5-विकास भवन, प्रात: 11:25 बजे
भूतल के कार्यालय खुले और कर्मचारी काम करते दिखे, लेकिन प्रथम तल पर मुख्य विकास अधिकारी के कमरे का दरवाजा बंद था, बगल में उनके आफिस में एक कर्मचारी मौजूद मिला। बताया कि आज कमिश्नर ज्वाइन कर रहे हैं मैडम वहीं गई हैं, अभी बैठेंगी।  प्रथम तल पर ही जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के कार्यालय में पूरी तरह सन्नाटा मिला। यहां एक भी कर्मचारी के दर्शन नहीं हुए।

अगर जिला पूर्ति कार्यालय और पेंशन दफ्तर पर ताला लटका हुआ था तो मैं इसके अफसरों से रिपोर्ट लूंगा। यह भी हो सकता है कि छुट्टी के फेर में लोगों के दिमाग से स्लिप हो गया हो, लेकिन फिर भी यह गलत है और मैं चेक करवाता हूं ... नितीश कुमार, जिलाधिकारी, अयोध्या।

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