102वां स्थापना दिवस समारोह : परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा जेल जाने बाद ही मैं बन सका नेता

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Published By Vinay Shukla
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अमृत विचार, लखनऊ । लखनऊ विश्वविद्यालय का मै ऐसा छात्र रहा हूं जो की मुझे खुद पर गर्व है की मै जेल जाने के बाद से नेता बन गया और आज मै यूपी का बहुत अहम विभाग संभाल रहा हूं। ये बात लखनऊ विश्वविद्यालय के 102 वें स्थापना दिवस समारोह के मौके पर यूपी के परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने कही।

उन्होंने कहा मैं स्टूडेंट लाइफ में विश्वविद्यालय के भीतर छात्र राजनीति में बहुत सक्रिय था,  उस दौरान मुझे एक आरोप में जेल जाना पड़ा, फिर भी मुझे लखनऊ विश्वविद्यालय ने बर्खास्त नहीं किया, जिससे मेरी पढ़ाई प्रभावित नहीं हुई और आज मै इस मुकाम तक पहुंच सका हूं।

 मंत्री ने कहा मैं उन सभी शिक्षकों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मेरा ऐसी स्थिति में भी सहयोग किया। बता दें की दयाशंकर सिंह यहां की पूर्व छात्र रहे  हैं मौजूदा समय वह योगी सरकार में पहली बार स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री बनाए गए हैं।दयाशंकर सिंह मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हैं। बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र से विधायक रहे अपने मामा मैनेजर सिंह से प्रभावित होकर दयाशंकर सिंह का जुड़ाव लखनऊ विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से हुआ। वह 1998 से 1999 तक लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रहे।

2000 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा उत्तर प्रदेश का सचिव बनाया गया। उन्होंने 2007 में पहली बार बलिया सदर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा मगर जीत नहीं सके। उन्हें 2015 में भाजपा का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया। हालांकि इसी बीच वह बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती पर कथित विवादित टिप्पणी को लेकर सुर्खियों में आए और पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए दल से निष्कासित कर दिया।

 हालांकि, दयाशंकर सिंह ने बाद में अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार भी किया गया। हालांकि दयाशंकर सिंह की टिप्पणी की वजह से ही उनकी पत्नी स्वाति सिंह को बीजेपी से टिकट मिला और वह पूर्ण बहुमत से सरोजिनी नगर से विधायक बनी थी।

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