पाकिस्तान: सियासत से दूरी जरूरी, सेना को इज्जत मिलेगी, रिटायर होने जा रहे जनरल बाजवा का बड़ा बयान

Amrit Vichar Network
Published By Priya
On

इस्लामाबाद। अपनी सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा है कि सैन्य प्रतिष्ठान को “अराजनीतिक” रखने के उनके फैसले से तख्तापलट की आशंका वाले देश में सेना “राजनीति की अनिश्चितताओं” से बची रहेगी। जनरल बाजवा तीन साल के सेवा विस्तार के बाद 61 साल की उम्र में 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे। पाकिस्तान ने लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर को नया सेना प्रमुख नियुक्त किया है, जो मौजूदा जनरल बाजवा की जगह लेंगे।

 उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पाकिस्तानी सेना ने अपनी भूमिका को “गैरराजनीतिक बनाने का निर्णय लेकर, उसे संवैधानिक तौर पर दिए गए काम तक सीमित कर दिया है।” संयुक्त अरब अमीरात स्थित अखबार ‘गल्फ न्यूज’ को दिए एक साक्षात्कार में जनरल बाजवा ने कहा, “यह निर्णय, हालांकि समाज के एक वर्ग द्वारा नकारात्मक रूप से देखा जा रहा है और व्यक्तिगत आलोचना का कारण बना, (किंतु यह) लोकतांत्रिक संस्कृति को पुनर्जीवित करने और मजबूत करने में मदद करेगा, राज्य के तंत्रों को प्रभावी ढंग से प्रदर्शन करने और काम को अंजाम तक पहुंचाने में सहायता करेगा। इन सबसे ऊपर, यह निर्णय लंबी अवधि में सेना की प्रतिष्ठा बढ़ाने में मदद करेगा।”

 पाकिस्तान के सेना प्रमुख के रूप में अपने अंतिम सार्वजनिक संबोधन में जनरल बाजवा ने बुधवार को कहा कि पिछले 70 वर्षों में सैन्य प्रतिष्ठान का राजनीति में “असंवैधानिक” हस्तक्षेप था, जिसके कारण आम जनता और राजनेताओं ने इसकी आलोचना की। उन्होंने साक्षात्कार में कहा, “राष्ट्रीय निर्णय लेने में पाकिस्तानी सेना की हमेशा अहम भूमिका रही है। देश की राजनीति में अपनी ऐतिहासिक भूमिका के कारण, सेना की जनता और राजनेताओं ने समान रूप से आलोचना की।” उनका बयान तब आया है जब सैन्य प्रतिष्ठान ने हाल के महीनों में दोहराया है कि उसने गैर राजनीतिक बने रहने का फैसला किया है। 

सेना के शीर्ष अधिकारी का बयान उन आरोपों के बीच आया कि यह (सेना) देश की राजनीति में हस्तक्षेप करती है, अक्सर एक राजनीतिक दल या दूसरे का पक्ष लेती है। जनरल बाजवा ने कहा कि जब सेना को राजनीतिक मामलों में शामिल देखा गया तो सशस्त्र बलों के प्रति जनता के समर्थन और आत्मीयता में कमी आई।

उन्होंने कहा, “इसलिए, मैंने पाकिस्तान में राजनीति की अनिश्चितताओं से सेना को बचाने के लिए इसे विवेकपूर्ण समझा।” बाजवा को 2016 में सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था और उनका तीन साल का कार्यकाल 2019 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा बढ़ाया गया था। इमरान हालांकि बाद में सेना के बड़े आलोचक बन गए थे। 

ये भी पढ़ें:- आतंकवादी हमले से दहला सोमालिया का विला रोज होटल, चार की मौत...धमाकों की गूंज से सहमे लोग

संबंधित समाचार