Kanpur News : PSIT में हुआ चक्रव्यूह नाटक का मंचन, अभिनेता नितीश भारद्वाज के जीवंत अभिनय ने छाप छोड़ी

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Kanpur News कानपुर के पीएसआईटी कॉलेज में हुआ चक्रव्यूह नाटक का मंचन।

Kanpur News कानपुर के पीएसआईटी कॉलेज में चक्रव्यूह नाटक का मंचन हुआ है। इसमें अभिनेता नितीश भारद्वाज के जीवंत अभिनय ने छाप छोड़ी है।

अमृत विचार, कानपुर। Kanpur News श्रीमद्भगवतगीता जयंती आयोजन समिति ने सामूहिक गीता पाठ से पहले तीन दिसंबर को चक्रव्यूह नाटक के मंचन का आयोजन किया। इसमें लीड रोल में महाभारत सीरियल में श्रीकृष्ण की भूमिका अभिनीत करने वाले नीतीश भारद्वाज का अभिनय सराहा गया। नाटक के केंद्र बिंदु में 'जीवन एक चक्रव्यूह है, सद्कर्मों से ही इसे तोड़ा जा सकता है' का संदेश छिपा था। चक्रव्यूह का मंचन शनिवार को भौंती स्थित पीएसाईटी सभागार में हुआ।

 कानपुर के नाट्य प्रेमी 'महाभारत' में श्रीकृष्ण की भूमिका निभाने वाले अभिनेता नीतीश भारद्वाज को देखकर गदगद हो गए। कानपुर में चक्रव्यूह का मंचन दूसरी बार हुआ। अतुल सत्य कौशिक द्वारा लिखित-निर्देशित और नीतीश भारद्वाज के अभिनय ने कनपुरियों पर अमिट छाप छोड़ी।

इस नाटक के माध्यम से सन्देश दिया गया कि चक्रव्यूह केवल एक युद्ध कला तक ही सीमित नहीं है वरन सम्पूर्ण जीवन दर्शन के स्तर को समझने की ओर प्रेरित करता है। नाटक में कुरुक्षेत्र की रक्त-रंजित धरती को संबोधित करते हुए भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि आने वाले युगों में कुरुक्षेत्र की धरती को उन सभी अनुत्तरित प्रश्नों का उत्तर देना होगा जो भावी पीढियां उनसे पूछने वाली हैं। इसमें

अपनी माता के गर्भ में ही चक्रव्यूह भेदने का अधूरा ज्ञान सीखने वाले अभिमन्यु के चक्रव्यूह में फंसकर युद्ध नियमों के विपरीत वार से वीर गति को प्राप्त होने पर पांडव पक्ष का शोक बेहद मार्मिक ढंग से दर्शाया गया। नाटक में उत्तरा, अर्जुन, द्रोपदी और अन्य परिजनों के मन में श्रीकृष्ण से पूछे जाने वाले सवालों और अंतत: श्रीकृष्ण का शाश्वत संदेश कहना कि 'कोई भी अपने कर्मों में रचे गए स्वयं के चक्रव्यूह से कभी मुक्त नहीं हो सकता है।

यह ही सन्देश था कि हमारा सम्पूर्ण जीवन इस चक्रव्यूह के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है। सद्कर्मों से जीवन रूपी चक्रव्यूह को भेद कर विजयी होकर बाहर निकलना पड़ता है। चक्रव्यूह में फंसकर अभिमन्यु की मृत्यु पर आधारित यह नाटक कर्म, धर्म, निष्ठा एवं माता-पिता के उत्तरदायित्वों जैसे विभिन्न संदेश पर आधारित रहा।

नीतीश भरद्वाज के सशक्त अभिनय ने पूरे नाटक को भव्य एवं अविस्मरणीय बना दिया। चक्रव्यूह के सभी कलाकारों ने अपने अभिनय से दर्शकों को भावुक बना दिया। नाटक के आयोजन में श्रीमद्भगवतगीता जयंती आयोजन समिति के संरक्षक मंडल के डॉ. उमेश पालीवाल, डॉ अमरनाथ, मुकेश पालीवाल, अजीत अग्रवाल, केके दुबे, परमानन्द, कमल त्रिवेदी, अरविंद अग्निहोत्री आदि की सक्रिय भूमिका रही।

95 बार हो चुका है नाटक

इस नाटक का मंचन 95 बार हो चुका है। संसद भवन, लालकृष्ण आडवाणी के घर पर, लखनऊ महोत्सव, काशी महोत्सव में इसका आयोजन किया जा चुका है। 14 कलाकार प्रमुख भूमिकाएं निभाते हैं। कोविड19 के बाद नाटक दर्शकों की संख्या बढ़ी।

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