NCLAT ने फेब्रिस हॉस्पिटल के परिसमापन का आदेश किया निरस्त

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Published By Ashpreet
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने दिल्ली स्थित एक अस्पताल के परिसमापन आदेश को निरस्त करने के साथ ही आईबीबीआई को समाधान पेशेवर के आचरण की जांच करने का आदेश दिया है।

एनसीएलएटी की दो-सदस्यीय पीठ ने फेब्रिस मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के परिसमापन के बारे में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की तरफ से जारी आदेश को निरस्त कर दिया। इसके साथ ही पीठ ने एनसीएलटी को समाधान पेशेवर को बदलने और इस मसले पर फिर से गौर करने को कहा है।

पीठ ने इस मामले में कर्ज समाधान के लिए नियुक्त पेशेवर की तरफ से कई अनियमितताएं बरते जाने का जिक्र करते हुए कहा है कि अस्पताल के लिए संभावित आवेदकों को आमंत्रित करने के लिए समाधान पेशेवर ने कोई भी तर्कसंगत कदम नहीं उठाया है।

न्यायमूर्ति राकेश कुमार और अशोक कुमार मिश्रा की पीठ ने गत शु्क्रवार को पारित इस आदेश में कहा, हमने समाधान पेशेवर के आचरण में कई अनियमितताएं पाई हैं।

ऐसी स्थिति में हम भारतीय ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवाला बोर्ड (आईबीबीआई) को समाधान पेशेवर के आचरण की जांच करने का आदेश देते हैं।

जांच में कोई भी संज्ञेय अपराध पाए जाने पर बोर्ड प्राथमिकी दर्ज कराए। इस अस्पताल का परिचालन करने वाली कंपनी दुरहा विट्रेक के एक पूर्व निदेशक ने एनसीएलटी के परिसमापन के आदेश के खिलाफ अपीलीय अधिकरण में अपील की थी। 

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