लखनऊ: सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा को कोर्ट ने किया बरी

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Published By Jagat Mishra
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70 में से सिर्फ एक गवाह पेश कर सका अभियोजन पक्ष

लखनऊ, अमृत विचार। धरना प्रदर्शन व जबरब दुकानें बंद कराने के 42 साल पुराने एक मामले में अभियोजन पक्ष के 70 गवाहों में से मात्र एक गवाह को पेश की जाने को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने मात्र औपचारिकता करार देते हुए, सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा को आरोपों से बरी कर दिया है।

पत्रावली के अनुसार इस मामले की रिपोर्ट 27 फरवरी 1984 को उप निरीक्षक अखलाक अहमद सिद्दीकी ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी। पुलिस रिपोर्ट में कहा गया था कि घटना वाले दिन वादी कानून व्यवस्था ड्यूटी पर था तभी करीब दोपहर में एक बजे रविदास मेहरोत्रा व सीबी सिंह 15-20 लोगों को लेकर बिना अनुमति के जुलूस निकाल रहे थे तथा मुख्यमंत्री मुर्दाबाद व गोली डंडा की सरकार नहीं चलेगी आदि प्रकार के सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। यह भी आरोप था कि अभियुक्तों ने हलवासिया मार्केट में जबरदस्ती दुकानें बंद कराना शुरू कर दिया था।

अदालत ने रविदास मेहरोत्रा को आरोपों से बरी करते हुए अपने निर्णय में कहा है कि पत्रावली में अभियोजन की ओर से 70 गवाह हैं जिन्हें सम्मन, जमानती वारंट, गैर जमानती वारंट व नोटिस जारी की गए परंतु इसके उपरांत भी कोई गवाह उपस्थित नहीं हुआ। अदालत द्वारा पुलिस कमिश्नर, संयुक्त निदेशक अभियोजन व पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर गवाहों को उपस्थित कराने के लिए भी कहा गया लेकिन फिर भी गवाह नहीं आए तो न्यायालय को मजबूरन साक्ष्य का अवसर समाप्त करना पड़ा।

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