देश में स्टार्टअप की संख्या बढ़कर 84,012 हुई, प्रोत्साहन के अनेक कार्यक्रम शुरू हुए : गोयल

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Published By Vikas Babu
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नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि देश में मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की संख्या वर्ष 2016 की 452 से बढ़कर 2022 में 84,012 हो गई है तथा भारतीय स्टार्टअप का भविष्य उज्जवल है। लोकसभा में पूनमबेन मदाम और मनीष तिवारी के पूरक प्रश्नों के उत्तर में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि सरकार ने देश में नवप्रयोग स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिये सुव्यवस्थित माहौल बनाने तथा इसमें निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये 16 जनवरी 2016 को स्टार्टअप इंडिया पहल की शुरूआत की थी। उन्होंने बताया कि इसे प्रोत्साहन देने की कार्य योजना में 19 मदों को शामिल किया गया है जो सरलीकरण और सहायता, निधि संबंधी सहायता एवं प्रोत्साहन तथा उद्योग शिक्षा जगत की भागीदारी जैसे क्षेत्रों से संबंधित हैं।

गोयल ने बताया, ‘‘ देश में मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की संख्या वर्ष 2016 की 452 से बढ़कर 2022 में 84,012 हो गई है।’’ उन्होंने बताया कि स्टार्टअप के लिए निधियों, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना और स्टार्टअप के लिये ऋण गारंटी योजना के माध्यम से विभिन्न चरणों में सहायता प्रदान की जाती है।

गोयल ने कहा कि ऐसी धारणा है कि स्टार्टअप दिल्ली, मुम्बई, बेंगलूर और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में ही शुरू किये जा सकते हैं लेकिन इसके विपरीत छोटे स्थानों से भी अच्छे स्टार्टअप सामने आए हैं। सदस्यों के पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने गुजरात के पाटन के स्टार्टअप, उत्तर प्रदेश के वाराणसी, केरल एवं अन्य प्रदेशों में छोटे-छोटे स्थानों पर युवाओं द्वारा स्टार्टअप शुरू करने का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि टीयर-2 और टीयर-3 शहरों में भी स्टार्टअप की काफी संभावनाएं हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि देश में यूनिकॉर्न की संख्या बढ़कर अब 107 हो गई है। विपक्षी सदस्यों द्वारा स्टार्टअप को सरकारी प्रोत्साहन दिये जाने के प्रश्न पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें यह देखना होगा कि अमेरिका एवं अन्य बड़े देशों में स्टार्टअप की प्रणाली काफी पहले शुरू हो गई थी लेकिन हमारे देशों में पूर्व की सरकार ने इस बारे में क्यों विचार नहीं किया।

गोयल ने सवाल किया, ‘‘ क्या यह काम भी मोदीजी के लिये छोड़ रखा था कि वे आयेंगे और स्टार्टअप की व्यवस्था शुरू करेंगे। ’’ उन्होंने दावा किया कि भारत में स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने के लिये जितनी योजनाए शुरू हुई हैं, उतनी अमेरिका, चीन जैसे देशों में भी नहीं हुई हैं। 

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