बरेली: पिता-पुत्र ने बेची मिलावटी खाद्य सामग्री तो बिल्डर ने कब्जाई नहर भूमि, वारंट जारी

Amrit Vichar Network
Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। भू-राजस्व, मिलावटी खाद्य सामग्री बेचने, विद्युत चोरी करने समेत अन्य मामलों में शहर के जो व्यापारी, बिल्डर और विद्युत उपभोक्ता आरसी जारी होने के बाद भी जुर्माने की रकम दबाए बैठे हैं, उनकी मुश्किलें और बढ़ेंगीं। तहसील सदर प्रशासन ने बड़े बकायेदारों की फाइलों को खोलना शुरू कर दिया है। आरसी जारी होने के 15 दिनों के बाद रकम जमा नहीं होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किए जा रहे हैं। गुरुवार को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर प्रत्यूष पांडेय के निर्देश पर तहसीलदार सदर अनिल कुमार यादव ने मिलावटी खाद्य सामग्री बेचने वाले व्यापारी पिता-पुत्र का गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। 

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मैकेनियर रोड निवासी सुशील माहेश्वरी पर और उनके बेटे सौरभ माहेश्वरी पर अपर जिला मजिस्ट्रेट नगर की कोर्ट ने करीब सात माह पहले मिलावटी खाद्य सामग्री बेचने के आरोप में जुर्माना लगाया। अब वह रकम 7-7 लाख रुपये पहुंच गई। पिता-पुत्र ने इसे गंभीरता नहीं लिया। इस पर मई में अपर जिला मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने वसूली वारंट जारी किया, लेकिन व्यापारियों ने धनराशि जमा नहीं की। वसूली के लिए आरसी तहसील सदर पहुंची। अब एसडीएम सदर के निर्देश पर व्यापारी पिता-पुत्र का वारंट जारी किया है। तहसील सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को दोनों व्यापारियों के घरों पर राजस्व टीम दबिश दे सकती है। गुरुवार शाम गिरफ्तार करने की तैयारियां पूरी कर ली थीं।

इसके साथ रुहेलखंड नहर खंड के अधिशासी अभियंता मुकेश कुमार की ओर से नहर की भूमि कब्जाने के आराेप में राजेंद्र नगर निवासी केसी पंत के विरुद्ध 71 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है। रकम जमा न होने पर अधिशासी अभियंता ने आरसी जारी कर दी। केसी पंत बिल्डर बताए जा रहे हैं। जारी आरसी पर तहसीलदार सदर ने केसी पंत को धनराशि जमा करने के लिए 15 दिन का समय दिया लेकिन रकम तहसील में जमा नहीं हुई। तहसीलदार सदर ने केसी पंत के विरुद्ध भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इनके आवास पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट राजस्व टीम के साथ दबिश दे सकते हैं।

1.09 करोड़ की वसूली के विरुद्ध सोबती भाइयों ने ले लिया हाईकोर्ट से स्टे
रुहेलखंड नहर खंड क्षेत्र में नहर की भूमि कब्जाने आरोप में 1.09 करोड़ रुपये से अधिक की जारी आरसी पर गुरुवार को तहसील टीम ने बिल्डर चरनपाल सिंह सोबती और उनके भाई नैनजीत सिंह सोबती के घर पर दबिश दी तो मालूम हुआ कि उन्होंने ने वसूली के विरुद्ध हाईकोर्ट से स्टे ले लिया है। तहसील प्रशासन के कार्रवाई के विरुद्ध बुधवार को ही सोबती भाइयों को स्टे मिला है। नायब तहसीलदार विदित कुमार ने अमीन प्रेमराज समेत अन्य के साथ गिरफ्तारी वारंट के साथ दबिश दी थी। स्टे की जानकारी मिलने के बाद टीम वापस आ गई। 

इसके बाद सोबती भाइयों के पक्ष के लोग जिलाधिकारी कार्यालय भी पहुंचे और स्टे होने की जानकारी दी। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रत्यूष पांडेय ने बताया कि राजस्व विभाग हाईकोर्ट के निर्णय का सम्मान करेगा। मामले में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने तहसीलदार सदर अनिल कुमार यादव को रुहेलखंड नहर खंड के अधिशासी अभियंता को चिट्ठी जारी करने के निर्देश दिए हैं। चिट्ठी में वसूली के मामले में मिले स्टे को खारिज कराने के लिए पैरवी कराने पर जोर दिया है। शुक्रवार को तहसीलदार सदर के स्तर से चिट्ठी डिस्पैच की जाएगी।

अमीन बना रहे टॉप टेन बकायेदारों की सूची
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रत्यूष पांडेय ने बताया कि सभी अमीनों को अपने-अपने क्षेत्रों के टॉप टेन बकायेदारों की सूची तैयार करने के निर्देश जारी किए हैं। नायब तहसीलदार अमीनों के साथ सूची तैयार करा रहे हैं। एसडीएम सदर ने बताया कि शासन के निर्देश पर वसूली अभियान चलाया जा रहा है। बड़े बकायेदारों को गिरफ्तार कर हवालात में डाला जाएगा, ताकि छोटे बकायेदार स्वयं ही बकाया धनराशि जमा कर दें।

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