बाजपुर: किसानों की आय पर श्वेत-पत्र जारी करे सरकार

Amrit Vichar Network
Published By Babita Patwal
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बाजपुर, अमृत विचार। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने केंद्र की भाजपा सरकार को जन समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए सरकार को पूरी तरह विफल बताया। उन्होंने कहा कि कई वादों और घोषणाओं की तरह प्रधानमंत्री मोदी वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा भी हवाई सिद्ध हो रहा है। उन्होंने सरकार से किसानों की आय पर एक श्वेत-पत्र जारी करने की मांग की।

उन्होंने कहा कि 28 फरवरी 2016 को चुनावी रैली में पीएम मोदी ने वादा किया कि 2022 में जब भारत की आजादी के 75 साल पूरे होंगे तो उस समय तक हम किसानों की आय को दोगुनी कर देंगे। लेकिन आज हकीकत में  सूखा, आपदा, कीमतों में वृद्धि, ऋण का अत्यधिक बोझ आदि के कारण देश में हर महीने 70 से अधिक किसान आत्महत्या कर रहे हैं।

खेती में काम आने वाले बीज, उर्वरक, कीटनाशक, डीजल सहित मजदूरी भी इन आठ वर्षों में दुगने से भी अधिक हो चुकी है। किसानों के पास अच्छी गुणवत्ता के बीज नहीं हैं। उत्तरखंड में तो सरकार के पास अभी तक पर्याप्त मात्रा में उर्वरक भी उपलब्ध नहीं हैं। उत्तराखण्ड में जंगली जानवर और आवारा पशु किसानों की फसलों को चौपट कर रहे हैं। किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में खेतों तक सिंचाई का पानी मुहैया कराना सबसे बड़ी जरूरत है।

वर्ष 2019 में आई पलायन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक़ उत्तराखंड की 66 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। इसमें से 80 फीसदी से अधिक आबादी पर्वतीय ज़िलों में हैं। पहाड़ों में किसानों की जोत बेहद छोटी और बिखरी हुई है। यहां सिर्फ 10 फीसदी खेतों में सिंचाई की सुविधा है।

हर गांव के हर खेत तक गूलों से पानी पहुंचना चाहिए था, मगर वास्तव में ऐसा है नहीं। गूलों के निर्माण में अनियमितताएं, कहीं सूखे स्रोत से योजना बनाने, एक ही गूल का कई-कई बार निर्माण समेत अन्य मामले सुर्खियां बनते आए हैं। पिछले कई सालों से सिंचाई और लघु सिंचाई नहरों की मरम्मत के लिए भी बजट में धन आबंटित नही किया गया है। 

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