कासगंज: फर्जी एनकाउंटर के मामले में थाना प्रभारी समेत पांच पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास

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Published By Vikas Babu
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अमृत विचार, कासगंज। 16 साल, 4 महीने, 3 दिन पहले कारपेंटर को डकैत बताकर फर्जी एनकाउंटर करने वाले नौ पुलिसकर्मियों को गाजियाबाद सीबीआई की अदालत ने दोषी करार दिया है। अदालत ने मंगलवार को ही थाना प्रभारी सहित नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ फैसला सुरक्षित कर लिया था। बुधवार को तत्कालीन थाना प्रभारी सहित पंाच पुलिसकर्मियों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए प्रत्येक पर 33 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है, जबकि 4 पुलिसकर्मियों को 5-5 साल की सजा सुनाते हुए 11-11 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

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18 अगस्त 2006 में तत्कालीन जिला एटा एवं वर्तमान जिले के कस्बा सिढ़पुरा में कारपेंटर राजाराम को डकैत बताकर पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर में मार गिराया। मामले में मृतका की पत्नी संतोष ने उच्च न्यायालय का सहारा लिया और सीबीआई से मामले की जांच की मांग उठाई। वर्ष 2007 में उच्च न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी। गाजियाबाद में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश परमेंद्र कुमार शर्मा ने मामले में सुनवाई की।

वर्ष 2009 में इस मामले मेें आरोप पत्र दाखिल हुआ। 13 साल तक ही हुई सुनवाई में सीबीआई की टीम ने 13 बार एटा जिले का दौरा किया। सीबीआई के विवेचक रोहित श्रीवास्तव ने गंभीरता दिखाई तब जाकर अब पीडि़त परिवार को न्याय मिला है। मूल रूप से एटा जिले के गांव मिलावली के रहने वाले राजाराम की पत्नी अपने मायके एटा के कस्बा राजा के रामपुर में रह रही हैं। सीबीआई के फैसले के बाद परिजन खुश दिखाई दिखाई दिए।

इन्हें हुआ आजीवन कारावास
कासगंज। जिला मुजफ्फरनगर के गांव बदेहरी निवासी सिढ़पुरा के तत्कालीन थाना प्रभारी पवन सिंह, इसी गांव के निवासी तत्काली उपनिरीक्षक श्रीपाल ठेनुआ, मैनपुरी के गांव करुणामई निवासी आरक्षी सरनाम सिंह एवं फिरोजाबाद के गांव डिनौली निवासी तत्कालीन आरक्षी राजेंद्र प्रसाद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। 33-33 हजार का जुर्माना लगाया गया है।

इन्हें हुई पांच-पांच साल की सजा
कासगंज। हरदोई जिले के कस्बा हरपाल निवासी तत्कालीन आरक्षी बलदेव प्रसाद, आगरा के गांव नगला तेजा निवासी तत्कालीन आरक्षी अवधेश रावत, इसी गांव के तत्कालीन आरक्षी सुमेर सिंह एवं मैनपुरी के गांव धीप निवासी तत्कालीन आरक्षी अजय कुमार को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है और 11-11 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

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