बरेली: सैकड़ों ने गंवाई जान...भूल गए, कोविड ने फिर दिखाया डर

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Published By Om Parkash chaubey
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जिला पुरुष व महिला अस्पताल में मरीज उड़ा रहे कोविड नियमों की धज्जियां

बरेली, अमृत विचार। याद कीजिए वह तीन साल पूर्व का समय। जब कोरोना ने दस्तक दी थी। अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड नहीं मिल रहे थे। इलाज व ऑक्सीजन के अभाव में लोगों की जानें जा रही थीं। हालात भयावह थे। कोई मदद करने वाला नहीं था। डाक्टर व नर्सों पर दबाव था और वह संक्रमित भी हो रहे थे।

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ऐसा मंजर अब न आए। इसके लिए सभी को अपनी-अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी, लेकिन, शहरवासी उन दिनों को शायद भूलने लगे हैं। मंगलवार को केंद्र सरकार ने विदेशों में कोरोना के तेजी से हो रहे पलटवार को लेकर अलर्ट जारी किया है।

जिससे स्वास्थ्य अफसरों में खलबली मच गई है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने आने वाले मरीज और स्टाफ कोविड बचाव की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रहे हैं। शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया जा रहा है। मास्क भी नहीं लगा रहे हैं, जबकि कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है।

दृश्य-एक: जिला अस्पताल में रोजाना सबसे अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं। ओपीडी के साथ ही पर्चा काउंटर, फार्मेसी विभाग समेत अन्य विभागों में मरीजों का जमावड़ा रहता है, लेकिन यहां बिना मास्क के मरीज इलाज के लिए लाइन में लगे नजर आए। शारीरिक दूरी का पालन करना शायद सब भूल चुके हैं।

दृश्य- दो: जिला महिला अस्पताल को बेहतर सुविधाएं और इलाज देने के लिए शासन से सम्मान भी मिल चुका है, जिले में जब कोविड का प्रकोप था। तब यहां बिना मास्क के मरीजों को इलाज देने पर मनाही थी, लेकिन वर्तमान में यहां अधिकांश महिला मरीज बिना मास्क के ही ओपीडी की लाइन में लगी नजर आईं, उन्हें ऐसा करने से रोकने वाला कोई नहीं था।

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