बरेली: महिला शिक्षा पर तालिबान के बैन का बढ़ा विरोध, मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने भी जताई नाराजगी

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार। बीते दिनों अफगानिस्तान की तालिबानी हुकूमत ने महिलाओं को स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में शिक्षा हासिल करने पर प्रतिबंध लगा दिया। जिसपर पूरी दुनिया के संगठनों ने ऐतराज जताया और इसी संबंध में मशहूर बरेलवी आलिम-ए-दीन मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने भी कड़ा ऐतराज जताते हुए इस्लाम को सही से पढ़ने की सलाह दी है।

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दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने अपने बयान में कहा कि तालिबान एक आतंकवादी संगठन हैं। भारत के सुन्नी सूफी बरेलवी मुसलमानों ने कभी भी तालिबान को तस्लीम नहीं किया। जबकि दूसरी तरफ दुनिया के बहुत सारे देश तालिबानी हुकूमत से अपना संपर्क साधने में लगे हुए हैं। भारत सरकार ने मानवता के आधार पर अफगानिस्तान की जनता को जरुरी सामग्री उपलब्ध कराई है और साथ ही भारत सरकार का अफगानिस्तान पर बहुत बड़ा एहसान हजारों करोड़ों रुपए निवेश करके किया है। 

मौलाना ने कहा कि पैगम्बर-ए-इस्लाम ने अपने अनुयायियों को चाहे वो मर्द हो या महिला सभी के लिए शिक्षा प्राप्त करने को फर्ज करार दिया है। पैगम्बर-ए-इस्लाम ने एक हदीस शरीफ में शिक्षा की एहमियत और महत्वपूर्णता बताते हुए ये भी कहा है कि इल्म हासिल करो चाहे तुम्हें कितनी भी दूर जाना क्यों न पड़े।

मौलाना ने आगे कहा कि अफगानिस्तान पर जब से तालिबान ने सरकार बनाई है उस वक्त से लेकर अब तक महिलाओं की शिक्षा के लिए अलग-अलग आदेश जारी किए हैं। तालिबानी विदेश मंत्री द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने पर भारत के उलेमा चिंतित और नाराज हैं। इस्लाम के नाम पर हुकूमत चलाने वाले लोगों को सही से इस्लाम पढ़ने की जरूरत है। इस्लाम महिलाओं को शिक्षा हासिल करने की इजाजत देता है। इस तरह प्रतिबंध लगा कर इस्लाम की छवि को तालिबान धूमिल करने की कोशिश कर रहा है। इस तरह के आदेशों से एक बहुत बड़ी नयी नस्ल गैर तालिम याफ़्ता (Uneducated) रह जायेगी।

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