बरेली: अफसरों ने की सख्ती, बैकफुट पर चीनी मिल प्रबंधन
अक्टूबर में बहेड़ी व नवाबगंज मिल पर था 110 करोड़ का बकाया, अब दोनों चीनी मिलों पर महज 14 करोड़ रुपये की है देनदारी
बरेली, अमृत विचार। भुगतान के मामले में जिले की चीनी मिलों की स्थिति ठीक चल रही है। डीसीओ की सख्ती के बाद बीते सत्र का 110 करोड़ रुपये दबाए बैठी नवाबगंज और बहेड़ी की चीनी मिल ने भुगतान लगभग कर दिया है। दोनों मिलों पर अब सिर्फ 14 करोड़ के लगभग बकाया है। इस पेराई सत्र का भुगतान भी चीनी मिलों के द्वारा समय से करने की बात कही जा रही है।
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कुछ माह पूर्व जब जिला गन्ना अधिकारी (डीसीओ) यशपाल सिंह ने चार्ज संभाला था। उस वक्त जिले की तीन मिलों पर पिछले साल का बकाया चल रहा था। बताया जाता है कि इस दौरान सेमीखेड़ा की सहकारी चीनी मिल ने भुगतान कर दिया लेकिन बहेड़ी की केसर इंटरप्राइजेस और नवाबगंज की ओसवाल चीनी मिल किसानों का करीब 110 करोड़ रुपये दबाए बैठीं रहीं।
इधर, किसान नया पेराई सत्र होने पर बीते सत्र का बताया भुगतान नहीं होने पर लगातार चक्कर लगाते रहे। किसानों की इस समस्या को लेकर पहले तो डीसीओ ने चीनी मिल प्रबंधकों से वार्ता कर शीघ्र भुगतान करने के निर्देश दिए। इसके बाद इसकी निगरानी की जाने लगे।
आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर के अंत में उक्त दोनों मिलों पर 110 करोड़ रुपये का बकाया था। जो अब घटकर करीब 14 करोड़ ही बचा है। इनमें पांच करोड़ रुपये बहेड़ी की मिल को करना है। शेष भुगतान नवाबगंज की ओसवाल मिल करेगी।
भुगतान में मीरगंज और फरीदपुर की मिले सबसे आगे: इस सत्र के भुगतान की बात करें या बीते साल की। मीरगंज की धामपुर बायो आर्गेनिक मिल और फरीदपुर की द्वारिकेश मिल भुगतान के मामले सबसे आगे चल रही हैं। शासन से निर्धारित 14 दिन से पहले ही भुगतान किसानों के खातों में पहुंच रहा है। डीसीओ यशपाल सिंह ने बताया कि इस सत्र में बहेड़ी, नवाबगंज और सेमीखेड़ा चीनी पर बकाया चल रहा है। यह मिलें भी समय से भुगतान कर रहीं हैं।
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