Chitrakoot News : निकाय चुनाव आरक्षण पर फैसला यानी कहीं खुशी तो कहीं गम, सरकार के अगले कदम पर टिकी निगाहें

Amrit Vichar Network
Published By Kanpur Digital
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चित्रकूट में सरकार के अगले कदम पर सबकी निगाहें टिकी है।

Chitrakoot News निकाय चुनाव आरक्षण पर फैसला यानी कहीं खुशी तो कहीं गम है। चित्रकूट में सरकार के अगले कदम पर सबकी निगाहें टिकी है।

चित्रकूट, अमृत विचार। निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले का राजनीतिक स्तर पर दूरगामी असर तो पड़ेगा पर इससे जिले में कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल भी है। खासतौर पर नगरपालिका चित्रकूटधाम कर्वी में। आरक्षण रद्द होने से जहां सामान्य वर्ग के प्रत्याशियों को उम्मीद की किरण कौंधती नजर आने लगी है, वहीं पिछड़े वर्ग के प्रत्याशियों की नजर सरकार के अगले कदम पर टिकी है।

दरअसल कर्वी नगर पालिका परिषद प्रदेश की 200 में से उन 18 पालिकाओं में एक है, जहां अनंतिम सूची में अध्यक्ष पद की सीट को पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। यह सीट पिछड़ा वर्ग महिला के लिए रिजर्व की गई है। जाहिर है, लंबे अरसे से आशान्वित इस वर्ग के लोगों में इस सीट की प्रत्याशिता को लेकर चहलकदमी तेज होनी थी।

खासतौर पर सत्तारूढ़ भाजपा और प्रमुख विपक्षी पार्टी सपा में रोजाना नए उम्मीदवारों के नाम सामने आ रहे थे। इनको इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से अपने सपने टूटते नजर आ रहे हैं और अब इनकी निगाहें राज्य सरकार के अगले कदम पर टिकीं हैं। उधर, फैसले ने उन लोगों को एक बार फिर आशा की किरण दिखने लगी है, जो आरक्षण की वजह से रेस से बाहर हो गए थे।

हालांकि इनको अब भी योगी सरकार के प्रतिनिधियों के आरक्षण को लेकर दिए जा रहे बयानों से ज्यादा आशा तो नहीं है पर अब उम्मीद की किरण की हल्की सी चमक के सहारे ये सपने संजोये हैं। गौरतलब है कि नगर पालिका में लगभग 85 हजार मतदाताओं ( 84472) में सबसे ज्यादा पिछड़े वर्ग के मतदाता हैं।

जानकारी के मुताबिक, हाल ही में नगर पालिका क्षेत्र के विस्तारीकरण में भी उन स्थानों को शामिल किया गया है, जिन गांवों में पटेल, यादव या फिर निषाद समुदाय की बहुलता है। बनकट, डिलौरा, गढ़ीवा, बेड़ी पुलिया आदि का इलाका जहां यादव बहुल माना जाता है।

कुछ जगहों पर पटेल बिरादरी भी है तो वहीं कसहाई, कपसेठी रोड, रानीपुर भट्ट, बनाड़ी आदि जगहों में कहीं यादव या फिर कहीं निषाद बिरादरी ज्यादा है। नए परिसीमन में तीन ग्राम पंचायतें पालिका में समाहित हो गईं तो कई गांवों के कुछ क्षेत्र को शामिल किया गया।

ऐसे में परिसीमन के बाद पालिका में पिछड़े वर्ग के मतदाता और बढ़े हैं। यहां यह बताना समीचीन होगा कि जिले की नगर पालिका और तीन नगर पंचायतों में सभी सीटें आरक्षित हैं। अनंतिम सूची में नगर पंचायत राजापुर और मानिकपुर जहां अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित है तो मऊ जहां पहली बार चुनाव होना है, की अध्यक्ष पद की सीट को अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है।

अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में चुनाव आरक्षण के साथ होते हैं या फिर बिना आरक्षण। ... और इन चुनावों का असर आगे लोकसभा चुनाव में कितना असरकारक होगा, यह देखना इससे भी ज्यादा रोचक होगा।

 

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