बरेली: केंद्रों पर धान बेचकर भुगतान को तरस रहे किसान, 61 करोड़ बकाया

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Published By Vikas Babu
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बरेली,अमृत विचार। पहले किसान क्रय केंद्रों पर धान तुलवाने के लिए जूझते रहे। वहीं अब जिन किसानों के धान की खरीद हो चुकी है तो वह भुगतान के लिए चक्कर लगाने को मजबूर हैं। विभागीय रिकार्ड में किसानों का 60 करोड़ का भुगतान अटका हुआ है। इससे किसानों को घरेलू कामकाज से लेकर आगे खेती के लिए आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर लगाने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो सका है।

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जिले में 1 अक्टूबर से शुरू हुई धान खरीद को 133 क्रय केंद्र खोले गए। जिन पर 31 जनवरी 2023 तक खरीद होगी। शासन से विभाग को 1.83 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 24 हजार से अधिक किसानों से अभी तक धान खरीदा जा चुका है। 177584 क्विंटल धान क्रय केंद्रों पर खरीदा जा चुका है। वहीं दूसरी तरफ शुरुआत में नमी की दिक्कत बताकर धान लौटाया जाता रहा।

फिर बिचौलियों और क्रय केंद्र प्रभारियों के बीच चल रही साठगांठ ने असर डाला। नतीजतन न्यूनतम समर्थन मूल्य पाने के लिए क्रय केंद्रों पर जैसे-तैसे किसान धान बेच सके थे। उन्हें आश्वस्त किया गया कि उनकी फसल का वाजिब दाम मिलेगा। मगर यह कीमत कब मिलेगी, अब किसान इसे लेकर ज्यादा परेशान हैं। वर्तमान में हजारों किसानों का 61 करोड़ का भुगतान लंबित है। हालांकि अफसरों का दावा है कि किसानों के भुगतान में बीते कुछ दिनों से तेजी आई है।

उतार की धीमी रफ्तार बन रही वजह
धान खरीद से जुड़े अफसरों की मानें तो किसानों का भुगतान चावल के उतार के बाद एफसीआई से हुए भुगतान से किया जाता है। इस बार भुगतान की गति धीमी है। धान का उठान भी क्रय केंद्रों पर समय से नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह से जब पेमेंट मिलने में देरी हो रही तो सीधा असर किसान के भुगतान पर पड़ रहा है। यह सबसे अहम वजह बताई जा रही हैं। नरियावल में अभी भी कई धान क्रय केंद्रों पर इसकी हकीकत देखी जा सकती है।

लक्ष्य के सापेक्ष 86 प्रतिशत खरीद हो चुकी है। भुगतान के लिए किसानों को परेशान होनी की जरूरत नहीं है। नियमित तरीके से भुगतान भेजा जा रहा है। इसके अलावा लक्ष्य पूरा कर चुके कई केंद्र बंद करने की तैयारी चल रही है। शासन को इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी--- कमलेश कुमार पांडेय, डिप्टी आरएमओ।

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