भारत-अमेरिका के संबंध 21वीं सदी को कर सकते हैं परिभाषित : रो खन्ना
खन्ना ने कहा कि प्रमुख अमेरिकी समाचारपत्र ने भारत के बढ़ते आत्मविश्वास और विरोधाभासों के बारे में काफी 'खूबसूरती से लिखा है
भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना
वाशिंगटन। भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने सोमवार को कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध 21वीं सदी को परिभाषित कर सकते हैं। खन्ना ने 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' के एक लेख का जिक्र करते हुए यह बात कही। दरअसल लेख में कहा गया था कि यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया भारत के उदय को देखेगी। इस पर खन्ना ने ट्वीट किया, ‘अमेरिका और भारत के संबंध 21वीं सदी को परिभाषित कर सकते हैं।’’ खन्ना ने कहा कि प्रमुख अमेरिकी समाचारपत्र ने भारत के बढ़ते आत्मविश्वास और विरोधाभासों के बारे में काफी 'खूबसूरती से लिखा है।
सांसद ने कहा कि लेख की समाप्ति इस उम्मीद को रेखांकित करते हुए की गई है कि महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू ने जिस बहुलवाद की कामना की थी वह अक्षुण्ण रहे। लेख में विदेश मंत्री एस. जयशंकर की बात का जिक्र किया गया जिसमें उन्होंने कहा कि विश्व व्यवस्था अभी भी बहुत कुछ पश्चिम की ओर झुकी हुई है। लेख में कहा गया कि रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से भारत ने रूसी आक्रमण की निंदा करने के अमेरिकी और यूरोपीय दबाव को संयुक्त राष्ट्र में खारिज कर दिया, रूस को अपने सबसे बड़े तेल आपूर्तिकर्ता में बदल दिया और पश्चिम के कथित पाखंड को भी खारिज किया।
लेख में कहा गया, क्षमाप्रार्थी नहीं, उसका लहजा कड़ा था और उसके अपने हित स्पष्ट रूप से जग-जाहिर रहे हैं। जयशंकर ने 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' से कहा, मैं अब भी अधिक नियम आधारित दुनिया देखना चाहूंगा, लेकिन जब लोग नियम-आधारित आदेश के नाम पर अपने हितों के लिए आपको कुछ छोड़ने के लिए कहते हैं या समझौता करने का दबाव बनाने लगते हैं, तब मुझे लगता है कि इसका मुकाबला करना जरूरी है और यदि आवश्यक हो, तो इसका जवाब दो।
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