बरेली : हाय राम इतनी सर्दी...! ठंड से ठिठुर रहे लोग, प्रशासन के इंतजाम भी पड़े ठंडे
शहर के कुछ प्रमुख चौराहों को छोड़ दें तो शहर के ऐसे कई चौराहे हैं जहां आग का एक तिनका भी नहीं जलाया जा रहा है।
बरेली, अमृत विचार। जिले में ठंड का कहर जारी है। लेकिन इस हाड़ कंपा देने वाली ठंड से आम लोगों के बचाव के लिए लगता है प्रशासन कुछ काम नहीं कर रही है। मानों प्रशासन रजाई से बाहर निकलना ही नहीं चाह रही है। तभी तो शहर के कुछ प्रमुख चौराहों को छोड़ दे तो शहर के ऐसे कई चौराहें हैं जहां अलाव जलना तो दूर अलाव की लकड़ियां तक नहीं रखी जा रही हैं। हालत ये है कि लोगों को इस ठंड से बचने के लिए खुद से अलाव का इंतजाम करना पड़ रहा है। वहीं गरीब व असहाय लोग पेड़ के नीचे ये कड़ाके की सर्द रात बिना इंतजाम के गुजारने को मजबूर हैं।
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इस ठंड में व्यवस्थाओं का दावे करने वाले अधिकारी और जिम्मेदारों की पोल खुल गई है। सुबह तड़के सुबह की बात करें तो शहर की मुख्य जगह रेलवे जंक्शन, रोडवेज बस अड्डे, जिला अस्पताल और चौराहों पर ठंड से बचाव के इंतजाम देखा तो पता चला कि इस बार नगर निगम ने अलाव की व्यवस्था ठीक ढंग से नहीं की है, जिस कारण लोग ठिठुरने को मजबूर हैं। रेलवे जंक्शन की बात की जाए तो वहां इस बार अस्थाई रैन बसेरा ही नहीं बनाया गया है।
यात्री प्लेटफार्म की टीनशेड के नीचे सर्द भरी रात गुजार रहे हैं। शीतलहर से ठिठुरते हुए आम लोगों को प्रशासन के तरफ से कोई राहत नहीं मिल रही है। शहर की न्यूनतम तापमान 8 से 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। जिले में सर्दी इस समय पूरे चरम पर है। वहीं नगर निगम के अधिकारी कड़ाके की ठंड के प्रकोप पर कोई गौर नहीं कर रहे हैं। राहगीर यात्री और बेसहारा लोग ठंड में ठिठुरने को मजबूर हैं।
नगर निगम की ओर से ठंड से बचने के लिए अलाव की व्यवस्था प्रतिवर्ष की जाती है। लेकिन इस बार कुछ चुनिंदा चौराहों पर ही अलाव जलाने की व्यवस्था की गई है। देर शाम आवागमन करने वाले राहगीरों को दिक्कतों का करना पड़ रहा है। राहत पाने के लिए लोग कचरे- कागज पॉलीथिन आदि को जलाकर अलाव जलाकर तापने को मजबूर हैं। यही नहीं अन्य साल के तरह इस बार वार्डों में अलाव की व्यवस्था नहीं दिखी।
