बरेली: सिविल लाइंस वालों! कहीं ऐसा न हो कि सबमर्सिबल भी न दें पानी

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Published By Moazzam Beg
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अंकित चौहान, बरेली, अमृत विचार। भूगर्भ जलस्तर वैसे तो लगभग पूरे जिले में लगातार नीचे खिसकता जा रहा है लेकिन शहर में इस बार पोस्ट मानसून सर्वे में सिविल लाइंस इलाके की सबसे ज्यादा चौंकाने वाली स्थिति सामने आई है। अच्छी-खासी बारिश होने के बावजूद सिविल लाइंस का जलस्तर एक मीटर से ज्यादा (1.34 मीटर) नीचे चला गया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यही स्थिति रही तो कुछ सालों बाद सिविल लाइंस की आबादी पानी का संकट झेलना पड़ सकता है।

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भूगर्भ जलस्तर लगातार नीचे जाने की प्रमुख वजह पानी के अंधाधुंध दोहन को माना जा रहा है। इसके अलावा पेड़ों का बड़े पैमाने पर सफाया भी इसकी अहम वजह है। पोस्ट मानसून सर्वे की रिपोर्ट जिले के कई ब्लॉकों के साथ शहर के ज्यादातर इलाकों की हालत भूगर्भ जलस्तर के मामले में गंभीर होती स्थिति की ओर साफ इशारा कर रही है। इन आंकड़ों से इस बात की खुद ब खुद पुष्टि हो रही है कि न भूगर्भ जलस्तर को सुधारने के लिए सरकारी योजनाओं का ठीक से क्रियान्वयन हो रहा है न जिम्मेदार अफसर और जनप्रतिनिधि इसकी गंभीरता समझ रहे हैं।

सबमर्सिबल पंप और आरओ पानी की बर्बादी की सबसे बड़ी वजह
शहरी इलाकों का भूजल स्तर दो दशकों से लगातार गिर जा रहा है। साल दर साल यह गिरावट और तेज हो रही है। अधिकारियों के मुताबिक सबमर्सिबल के जरिए जलदोहन जलस्तर गिरने की सबसे प्रमुख वजह है। इसके अलावा हर घर में शुद्ध पानी के लिए लगे आरओ भी पानी की बर्बादी कर रहे हैं जो एक लीटर शुद्ध पानी करने के लिए सात लीटर पानी बर्बाद करते हैं। 

आरओ का वेस्टेज पाइप अधिकांश लोग वाशबेसिन में डाल देते हैं लिहाजा बेकार पानी नाली में बह जाता है। हालांकि जानकारों के मुताबिक ज्यादातर जगह आरओ की जरूरत तक नहीं होती। आरओ की जरूरत वहीं होती है, जहां टीडीएस 500 के करीब हो जबकि शहर में अधिकांश जगह अधिकतम टीडीएस 300 ही है।

ज्यादातर ब्लॉकों में और गिरा जलस्तर

विकास खंड       पोस्ट मानसून 2021     पोस्ट मानसून 2022
बिथरी चैनपुर             -3.38                    - 4.17
क्यारा                      - 2.63                   - 2.96
भुता                        - 3.33                  - 3.54
फतेहगंज पश्चिमी         - 4.60                 - 5.28
फरीदपुर                   - 8.19                 - 8.29
आलमपुर जाफराबाद  - 12.10                - 12.9
नवाबगंज                  - 1.18                  - 2.41
बहेड़ी                       - 1.53                 - 1.78
भदपुरा                     - 3.06                 - 2.55
भोजीपुरा                   - 2.00                 - 3.36
मझगवां                     - 8.66                - 8.62
मीरगंज                     - 5.18                - 5.51
रामनगर                   - 15.12              - 14.73
रिछा                        - 1.92                - 1.84
शेरगढ़                      - 3.79                - 4.23

(आंकड़े मीटर में)
शहर में संकट की ओर बढ़ रहा सिविल लाइंस

इलाके का नाम              पोस्ट मानसून 2021        पोस्ट मानसून 2022
स्पोर्ट्स स्टेडियम परिसर        - 10.32                       - 10.72
भरतौल                              - 7.34                         - 7.77
पीसी आजाद स्कूल               - 7.91                          - 8.11
हरुनगला                           - 7.36                          - 7.71
परतापुर चौधरी                    - 7.91                          - 8.39
सिविल लाइंस                     - 12.46                         - 13.8
सुभाष नगर                       - 5.61                            - 5.33
युगवीणा लाइब्रेरी                - 6.12                            - 6.56
आईवीआरआई परिसर        - 1.83                            - 3.48
स्वाले नगर                        - 3.21                             - 4.16
बंडिया                             - 4.77                              - 5.90
जीटीआई महिला                - 4.37                              - 4.27
टियुलिया                          - 2.75                              - 4.00
आयुक्त कार्यालय              - 11.73                            - 12.40
रायफल क्लब कचहरी रोड    - 9.92                            - 10.16

समझें गंभीरता
एक से दो मीटर जलस्तर में लगातार हो रही गिरावट।
132 लीटर पानी हर व्यक्ति रोजाना करता है खर्च।
2.5 मीटर तक का भूगर्भ जलस्तर होता है सामान्य।

सुधार के ये उपाय सिर्फ खोखले वादों में
-तालाबों का संरक्षण किया जाए, वृक्षों की अंधाधुंध कटाई रुके ताकि भूमि से नमी कम न हो, अधिक से अधिक पौधे लगाकर वृक्ष बनने तक उनका संरक्षण किया जाए, जल संरक्षण के लिए गांवों और शहर में तालाबों की खुदाई की जाएं।
वर्जन

जिले में प्रति वर्ष भू-गर्भ जल स्तर की रिपोर्ट प्री और पोस्ट मानसून सर्वे के आधार पर जारी की जाती है। इस वर्ष भी पोस्ट मानसून सर्वे की रिपोर्ट में कई ब्लॉकों में भू जलस्तर की स्थिति काफी खराब मिली है। शहर के कई इलाकों की भी स्थिति निराशाजनक है। - गणेश नेगी, सीनियर हाइड्रियोलॉजिस्ट भूगर्भ जल विभाग

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