बरेली: 23 साल का इंतजार...साक्ष्यों पर टिका 1431 कर्मचारियों का हक

रबर फैक्ट्री के 1431 कर्मचारियों के दावों पर 16 को अंतिम सुनवाई

बरेली: 23 साल का इंतजार...साक्ष्यों पर टिका 1431 कर्मचारियों का हक

बरेली, अमृत विचार। कारपोरेट कार्य मंत्रालय के ऑफिशियल लिक्विडेटर (आधिकारिक परिसमापक) बाम्बे हाईकोर्ट ने फतेहगंज पश्चिमी की रबर फैक्ट्री से जुड़े कर्मचारियों को उनका हक दिलाने के लिए अंतिम सुनवाई की तारीख नियत की है। 23 साल के बाद साक्ष्यों पर कर्मचारियों का हक टिका है। दो बार पूर्व में सुनवाई करने के बाद 1431 कर्मचारियों के भविष्य पर मुहर लगाने के लिए 16 जनवरी को सुनवाई होगी। 

मीटिंग में एकेएस लीगल कंसल्टेंट एडवोकेट रबर फैक्ट्री, प्यारेलाल प्रजापति अध्यक्ष रबर फैक्ट्री मजदूर संघ और अशोक कुमार मिश्रा महासचिव एसएंडसी कर्मचारी यूनियन को बुलाया है। 5 जनवरी को डिप्टी ऑफिशियल लिक्विडेटर वीजी निपेन ने तीनों अधिकारियों को चिट्ठी भेजी। सात बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है। उसमें लिखा है कि आपके प्रस्तुतीकरण के आधार पर इस कार्यालय ने 1990 दावेदारों की सूची संकलित की थी जो पत्र के साथ संलग्न कर भेजी गई है। 1431 दावों से जुड़े कितने मामलों में और प्रमाण जैसे जन्म तिथि या नियुक्ति की तारीख का प्रमाण या अंतिम वेतन पर्ची की प्रति आवश्यक है। कुछ मामलों में आवासीय पता भी उपलब्ध नहीं है। 

कंपनी रजिस्टर और अन्य प्रासंगिक दस्तावेज जो संघ के कब्जे में हैं, चार्टर्ड एकाउंटेंट मैसर्स अग्रवाल पानी और कंपनी को उपलब्ध कराए गए थे, समेत अन्य सभी रिकॉर्ड कार्यालय को उपलब्ध कराएं। यदि रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराए गए तो यह कार्यालय 16 जनवरी की तिथि को दावों को अस्वीकार करने के लिए स्वतंत्र होगा। 200 से अधिक दावे हैं जो अशोक मिश्रा के आम हलफनामे में शामिल नहीं हैं, क्योंकि ये 200 दावे कंपनी अदालत नियम 1959 के नियम 148 के तहत अधिसूचित अंतिम तिथि के बाद दायर किए गए हैं। इन दावों को नियम के तहत खारिज किया जाएगा। 

इसके साथ 177 और दावेदारों के पास दावा दायर करने में देरी का विकल्प होगा। यह देखा गया है कि कुछ कर्मचारी व्यक्तिगत भत्ता प्राप्त करने के हकदार हैं लेकिन व्यक्तिगत भत्ते की पात्रता की प्रकृति और शर्तों की व्याख्या नहीं है। उनके बारे में भी बताना होगा। अंतिम सूचना देकर आपको अवगत कराया है कि अतिरिक्त साक्ष्य संकलित कर 16 जनवरी को अपने दावों के अधिनिर्णय के संबंध में अंतिम व्यक्तिगत सुनवाई के लिए उपस्थित हों। दोपहर 12 बजे से सुनवाई होगी। रबर फैक्ट्री 1999 में बंद हो गई थी। उसके बाद से सभी कर्मचारी अपना हक लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

कर्मचारियों का पक्ष रखने अशोक मिश्रा समेत अन्य लोग मुंबई रवाना
एसएंडसी कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि फैक्ट्री कर्मचारियों की वैधानिक देय भुगतानों पर सुनवाई के लिए ऑफिशियल लिक्विडेटर हाईकोर्ट में मीटिंग रखी है। कर्मचारियों के भुगतान पर साक्ष्यों की जांच और अन्य कर्मचारी, जिन्होंने पहले साक्ष्य जमा नहीं किये थे। कैजुअल कर्मचारियों के भुगतान सुरक्षित करने आदि का पक्ष रखने के लिए वह प्रमोद कुमार,अनुपम मजूमदार मुम्बई रवाना हो गए हैं। एकेएस लीगल कन्सल्टेंसी के वकील अकबर निहाल रिजवी के साथ जाकर कर्मचारियों का पक्ष रखेंगे। सभी लोग शनिवार को बरेली से ट्रेन के जरिए मुंबई रवाना हो गए।

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